डीएपी के बाद अब किसानों को रुला रही यूरिया

ऊंचाहार : एक महीने पहले किसान डीएपी के लिए परेशान थे, अब किसान यूरिया के लिए मारे मारे फिर रहे हैं। खाद की आस लिए किसान सुबह होते ही कस्बा स्थित इफको किसान सेवा केंद्र समेत साधन सहकारी समितियों पर पहुंच जाते हैं। और दोपहर बाद खाद न मिलने पर वह मायूस होकर वापस लौट आते हैं। पहली सिंचाई के बाद फसल में समय से खाद का छिड़काव ना हो पाने पर गेहूं, सरसों आलू समेत अन्य फसलें पीली पड़ती जा रही हैं, वहीं उन्हें उपज प्रभावित होने की आशंका सता रही है।

किसानो को कृषि ऋण के साथ समय पर खाद, बीज, कीटनाशक दवाएं उपलब्ध कराने को कस्बा स्थित संघ व इफको किसान सेवा केंद्र के अलावा खुरूमपुर, अरखा, सलीमपुर भैरो, सवैया हसन, खरौली, मतरौली, सवैया हसन, रामसांडा, किसुनदास पुर साधन सहकारी समितियां बनाई गई हैं। लेकिन रबी के सीजन में आलू, गेहूं की बुवाई से लेकर सिंचाई तक में किसानों को समय से डीएपी और यूरिया खाद नहीं मिल सकी। ‌

पचखरा निवासी राजेंद्र सिंह, जितेंद्र कुमार, उदय कछवाह, शिवमोहन सिंह, उमाकांत, संतोष कुमार, देव कुमार, बृजेश कुमार आदि किसानों का कहना है कि डीएपी के अभाव में गेहूं, आलू, सरसों समेत सब्जियों की किसी तरह बोवाई तो कर ली। लेकिन अब सिंचाई के बाद समय पर यूरिया खाद नहीं मिल रही है। कहा कि साधन सहकारी समितियों पर मिलने वाली खाद विश्वसनीय व गुणवत्तापूर्ण होने के साथ यूरिया 267 रूपए प्रति बोरी की दर से मिल जाती है, जबकि बाजार में निजी दुकानदार 350 से 400 चार सौ रुपए में बेच रहे हैं।

हालत यह है कि कस्बा स्थित इफको किसान सेवा केंद्र पर खाद की आस लिए किसान सुबह ही पहुंचकर लाइन में लग जाते हैं। और दोपहर बाद तक खाद न मिलने पर वह मायूस होकर लौट आते हैं। एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि जल्द ही समितियों पर यूरिया खाद मंगवा कर आवश्यकता अनुसार किसानों में वितरण कराया जाएगा।

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