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जन समस्या
आड़े तिरछे खड़े वाहनों से हर रोज चीखती है एंबुलेंस, हाल ए जिला अस्पताल
रायबरेली: जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर मरीजों व तीमारदारों को बीमारियां बांट रहे हैं। मुख्य गेट पर आड़े तिरछे खड़े वाहनों से हर दिन एंबुलेंस के निकलने में हो रही परेशानी को लेकर जिला अस्पताल प्रशासन अंजान बना हुआ है। अस्पताल परिसर में फैली गंदगी को लेकर लोगों में रोष है।
जिला अस्पताल अस्पताल परिसर को साफ सुथरा रखने के लिए स्वास्थ्य महकमा दावे कर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत अलग ही कहानी बयां कर रही है। अस्पताल से लेकर आवासीय परिसर तक गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। बीमारी से निजात पाने के लिए यहां आने वालों को संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 1500 मरीज और करीब इतने ही तीमारदार आते हैं। अस्पताल परिसर के हालात यह हैं कि ब्लड बैंक के बगल में बने पार्क में तीमारदार बैठकर अपनों के साथ समय बिताते हैं और खाना भी खाते हैं। यहीं पर कूड़े का ढेर लगा है। मुख्य द्वार पर नाली का गंदा पानी बह रहा है, लेकिन किसी की नजर इन समस्याओं पर नहीं पड़ रही है। यही हाल आवासीय परिसर का है।
कैनाल रोड की ओर से अस्पताल आने वाले रास्ते के बगल में एक कूड़ादान रखा गया है, लेकिन कूड़ेदान के अगल बगल इतना कचरा डंप है कि लगता है कि कूड़ेदान को कचरे में फेंका गया है। इस रास्ते से अस्पताल के अधिकारी व चिकित्सक सभी का आवागमन रहता है, लेकिन किसी की नजर इस कचरे के ढेर पर नहीं पड़ रही है।
पार्किंग की व्यवस्था सही न होने से मरीजों के साथ-साथ एंबुलेंस चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हर दिन एंबुलेंस जाम में फंसती है। शुक्रवार को लालगंज से उपचार कराने आए विमल कुमार ने कहा कि जिले का प्रमुख अस्पताल होने के बावजूद यहां की सुविधाएं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से बदतर हैं। डीह के अरविंद का कहना है कि पार्क में बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं।
अस्पताल की व्यवस्थाओं के संबंध में सीएमएस डा. प्रदीप अग्रवाल का पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो उनका फोन नहीं उठा।