पाप बढ़ने पर भगवान लेते हैं अवतार, बद्री प्रपन्नाचार्य जी महाराज

ऊंचाहार : जब जब होहि धर्म की हानि बाढ़हि असुर अधम अभिमानी तब तब हरि प्रभु विविध शरीरा नाशही भक्त जनन की पीड़ा पूरे किशुनी अरखा में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन श्री श्री 1008 श्री राजगुरु स्वामी बद्री प्रपन्नाचार्य महाराज ने आज की कथा में भगवान जे अनेक अवतारों की कथा सुनाई देवताओं के ऊपर भी कृपा की कच्छप अवतार लेकर धनवंतरी अवतार लेकर समुद्र मंथन की लीला को पूर्ण किया अनेक राजाओं की वंशावली सुनाएं और भगवान ने दो बार पूर्ण अवतार लिया राम जी के रूप में और कृष्ण जी के रूप में मानव लीला को करके संपूर्ण जीवो पर कृपा करते हैं वामन अवतार, कृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाई। इस दौरान जीवंत झांकियों के साथ श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। पूरा पंडाल नंद के घर आनंद भयो व जय कन्हैया लाल की.. के उद्घोष से गूंज उठा।

भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय सभी श्रोता झूमने और नाचने लगे। सुमधुर भजनों के साथ कथा श्रवण करने भक्तों की भीड़ उमड़ी रही। वामन अवतार की कथा में बताया कि भगवान ने राजा बलि से दान में तीन ही पग मांगा। प्रभु ने पहले पग में राजा बलि का मन नापा,तो दूसरे में पूरी सृष्टि यानी धन को नाप दिया। जब तीसरे पग की बारी आई, तो राजा बलि भी मूक हो गए। तब उनकी पारी आगे आई और राजा बलि को अपना तन भगवान को अर्पित कर देने की बात कही। इस तरह राजा बलि ने तन, मन व धन भगवान के चरणों में अर्पित कर दिया। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सुमधुर भजन गायन के बीच भगवान के कृष्ण रूप में जन्म लेने का उद्देश्य बताया। कथा में मुख्य यजमान लालता प्रसाद मिश्र व शशि प्रभा मिश्रा के अलावा नीरज मिश्रा रज्जन तिवारी राकेश मिश्रा मनीष शुक्ला विमल शुक्ला पवन पांडे शिवा मिश्र धर्मेंद्र सिंह प्रकाश तिवारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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