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सत्संग से परमात्मा की पहचान होती है

नागेश त्रिवेदी, जगतपुर: सन्त निरंकारी आश्रम में शनिवार को सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वक्ता राम दुलारे ने कहा भक्ति करने के लिए सच्चे गुरु का होना आवश्यक है। तब कहीं प्रभु परमात्मा की पहचान होती है ।

परमात्मा की अनुभूति केवल सदगुरू द्वारा प्रदत्त ब्रह्मज्ञान से ही संभव है। हम सभी को प्रभु परमात्मा की भक्ति करना है । जीवन में भक्ति का आनंद तभी मिलता है।जब गुरु का सानिध्य मिलता है। इंसान स्थिति और परिस्थिति में उलझ कर रह जाता है ।परिस्थितियों को सही करते-करते वह अपने मन की स्थिति को पूरी तरह से बिगाड़ लेता है । यही मानव स्वभाव है।

सतगुरु यही संदेश देते हैं कि मन को परमात्मा की राह पर चलाना है । जिसके बाद मन में सुकून शांति और आनंद स्थापित होता है। सत्संग हम सभी को जीने का सुगम मार्ग बतलाता है। इस मार्ग पर चलने से व्यक्ति के जीवन में निखार आता है। मानवता के गुण उत्पन्न होते हैं। प्रेम स्नेह दया विनम्रता के भाव अंकुरित होते हैं। अपने और पराए का भेद मिट जाता है। यही शिक्षा सत्संग में आने पर मिलती है।इस मौके पर बसंत लाल,रतीपाल,रज्जन लाल,मुकेश कुमार, उषा , वन्दना , पूनम , साधना , गुड्डी , आदि मौजूद रही

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