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कांग्रेस पार्टी द्वारा विधान सभा घेराव के आवाहन पर नेताओं को किया गया हाउस अरेस्ट

उ0प्र0 की बिगड़ती व्यवस्था, किसानों, मजदूरों, व्यापारियों, छात्रों की समस्याआंे, बढ़ती बेरोजगारी, मँहगाई आदि को लेकर कांग्रेस पार्टी ने 18 दिसम्बर 2024 को विधान सभा घेराव का कार्यक्रम घोषित किया था। कांग्रेस के प्रदर्शन को विफल करने के लिए उ0प्र0 की योगी सरकार ने पूरे प्रदेश मंे जिलेवार कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को लखनऊ पहुंचने से रोकने के लिए उन्हें हाउस अरेस्ट किया और बाहर निकलने वालों की गिरिफ्तारी की। गिरिफ्तार नेता कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष वीके शुक्ला ने कहा कि उ.प्र. की योगी सरकार पुलिस के बल पर जनता की आवाज दबाने का काम कर रही है। निर्दोषों को जेल भेज रही है। अपराधियों को संरक्षण दे रही हैं।

नगर पालिका परिषद के चेयरमैन शत्रोहन सोनकर ने कहा कि भाजपा सरकार समाज में नफरत फैला रही है। मंदिर-मस्जिद के झगड़े लगाकर समाज को तोड़ने का काम किया जा रहा है। योगी सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद कांग्रेसी शेर विधान सभा के पास तक पहुंचने में सफल हो गये। श्री सोनकर ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं महिला कार्यकर्ताआंे के साथ पुलिस द्वारा की गयी अमानवीय कार्यवाही की निन्दा की।

रायबरेली जनपद मंे पूर्व विधायक अशोक सिंह, वरिष्ठ नेता राजकुमार दीक्षित, सुशील पासी, जेपी त्रिपाठी, गौरव मिश्रा, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष हाफिज रियाज, सूर्य कुमार बाजपेयी, जफरूल हसन, अखिलेश अवस्थी, विनय द्विवेदी, अरूण श्रीवास्तव, सुल्तान खान, पिन्टू सोनकर, पंकज शर्मा, अंशू सोनकर, शिवा सोनकर, हरिश्चन्द्र मिश्रा, रामनरेश यादव, संजय सोनकर, राहुल मिश्रा, संतोष सोनकर, विनीत पासवान, राहुल सोनकर, लक्ष्मीशंकर चौधरी, आमीन पठान, अरशद खान, विजय लोधी, रामू चौरसिया, पुष्पा यादव, राजू बीज, अमर चौधरी, राजेश चौधरी, प्रदीप सोनकर, अशोक चौधरी, हंसराज चौधरी, विजय सिंह प्रधान, गुड्डू पासी, शैलेन्द्र कुमार पाल, अमित मौर्या, राजकुमार मौर्या, आदि दर्जनों कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा गिरिफ्तार किया गया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।

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