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जन समस्या
पूजा अर्चना के बीच उभरा खतरनाक नजारा, महिलाओं में मची अफरा-तफरी
रायबरेली। शहर के मुंशीगंज स्थित शहीद स्थल के पास पुराना सई नदी पुल इस बार छठ पर्व की सुबह श्रद्धा और सनसनी का केंद्र बन गया। जहां एक ओर हजारों श्रद्धालु महिलाएं और पुरुष नदी तट पर स्नान कर भगवान भास्कर की आराधना में लीन थीं, वहीं दूसरी ओर पानी की लहरों के बीच अचानक मगरमच्छ के दिखने से हड़कंप मच गया।
सुबह सूरज को अर्घ्य देने के समय जब श्रद्धालु जल में खड़े होकर छठ मैया के गीत गा रहे थे, तभी किसी ने पानी में हलचल देखी। देखते ही देखते खबर फैली कि सई नदी में मगरमच्छ दिखाई दिया है। अफरा-तफरी मच गई, लोग किनारे की ओर भागने लगे और कुछ देर तक पूरे घाट पर हाहाकार मच गया।
सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल होते ही अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल वन विभाग को सूचना दी। एएसपी के निर्देश पर क्षेत्रीय वन अधिकारी अशोक कुमार श्रीवास्तव, उप रेंजर मोहम्मद यूनुस, वन दरोगा आशीष यादव, वन रक्षक शारदा बक्स सिंह, सहकर्मी नेवल यादव और विप्र प्रभारी नीरज श्रीवास्तव की टीम मौके पर पहुंची और सई नदी के किनारे सघन खोज अभियान शुरू किया।
प्रत्यक्षदर्शी दीपू श्रीवास्तव, निवासी इंदिरा नगर, ने बताया कि उन्होंने अपनी आंखों से मगरमच्छ को पानी में उछल-कूद करते देखा। नदी के उसी हिस्से में यह घटना हुई, जहां अंग्रेजों ने करीब 104 वर्ष पूर्व पुराने पुल को बम से उड़ाया था।वन विभाग की टीम ने छानबीन जारी रखते हुए नदी के किनारे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की बात कही है। पुलिस और वन विभाग के संयुक्त प्रयास से नदी किनारे पहरा बढ़ा दिया गया है, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सई नदी में जलस्तर बढ़ने के साथ मगरमच्छों के आने की संभावना रहती है, लेकिन छठ पर्व के दौरान ऐसी घटना पहली बार सामने आई है। आसपास के लोगों ने बताया कि यहां पर इससे पहले भी चार की संख्या में मगरमच्छ देखे जाए गए हैं। प्रशासन ने अपील की है कि श्रद्धालु शांति बनाए रखें और अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।