रायबरेली। गुरूबख्शगंज थाना क्षेत्र के पूरे उम्मेद मजरे देदौर गांव में खेतों में पानी भर रहे किसान व मजदूर करेंट की चपेट में आने से झुलस गया। जिसमें दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पूरे उम्मेद मजरे देदौर गांव निवासी राधेश्याम पुत्र स्वं लालता प्रसाद सोमवार को अपने मजदूर संतलाल के साथ खेतों में पानी भरने का काम कर रहे थे। शाम को खेत मे पानी भर जाने पर राधेश्याम ट्यूबवेल बंद करने के लिए गए तो स्टार्ट में अचानक करंट उतर आया। जिसमें राधेश्याम बुरी तरह झुलस गए। राधेश्याम को करंट की चपेट में देखा तो साथ में काम करने के लिए गए संतलाल बचाने के लिए दौड़े और करंट की चपेट में संतलाल भी आ गए। करंट की चपेट में आने के दोनों गंभीर रूप से झुलस गए। जिन्हें तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शवों का पंचनामा कराकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
इनसेट
शाम को चाय पीने नही आएं राधेश्याम तो परिजन ट्यूबवेल की तरफ दौड़े.
पूरे उम्मेद मजरे देदौर गांव निवासी किसान राधेश्याम चौधरी रोज शाम को खेतों का पूरा काम निपटा कर घर चाय व खाना खाने के लिए आते थे। सोमवार की शाम राधेश्याम शाम को घर नहीं पहुंचे तो परिजनों को शक हुआ कि आखिर राधेश्याम घर क्यों नहीं आए। भाई के लड़के दिलीप कुमार ट्यूबवेल की तरफ देखने गए तो वहां का नज़ारा देखकर वह खुद बेहोश होकर गिर गये। होश में आने के बाद किसी घर लोगों को बताया तो परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।
दोनों भाई में बड़ा लगाव था….
किसान राधेश्याम की अचानक मौत हो जाने से उनके बड़े भाई रामबली के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बिलखते हुए रामबली कहते हैं कि हमारा भाई हमारे लिए सबसे प्यारा था, हमारा भाई खेती में बहुत की मेहनत करता था। अचानक भगवान ने छोटे भाई को अपने बुला लिया। रामबली कहते हैं कि हमारा भाई परिवार के सभी सदस्यों के प्रिय थे।
चाचा को देखने पहुंचे तो दोनों भतीजे हुए बेहोश…..
परिवार में प्यार, लोगों के सुख-दुख में एक साथ एक पैर से खड़े रहने वाले राधेश्याम के भतीजे दिलीप व धर्मेन्द्र अपने चाचा की हालत देखकर बेहोश हो घटना स्थल पर ही गिर गये थे। परिजन समेत अन्य लोग किसी तरह उन्हें होश में लाने का प्रयास किया। होश के आने बाद बिलखते हुए दोनों भतीजे कहनें लगें कि आखिर इतनी जल्दी क्या भगवान चाचा को कहा लेकर चले गए। परिजनों की चित्कार से पूरा गांव सन्न रह गया।
इनसेट
संतलाल पुत्र रतिपाल निवासी लोहरामऊ मजरे सलारपुर थाना कोतवाली नगर अभी आठ दिन पहले भठ्ठे से मजदूरी करके घर लौटा था। सोमवार को पूरे उम्मेद मजरे देदौर गांव निवासी राधेश्याम के साथ खेतों में काम कर रहा था। शाम को ट्यूबवेल बंद करते समय राधेश्याम करंट की चपेट में आ गए उन्हें बचाने के लिए संतलाल भी दौड पड़ा और वह भी करंट की चपेट में आ गया। जिसमें दोनों झुलस गए। परिजनों ने आनन-फानन जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। दोनों की मौत के बाद परिजनों को रो रोकर बुरा हाल है। संतलाल मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता था।
परिवार का एकलौता कमाने वाला था संतलाल….
संतलाल भठ्ठे व गांव में मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। घर का एकलौते कमाने वाले संतलाल की मौत के बाद परिवार बेसहारा हो गया है। संतलाल के पत्नी प्रीति व तीन बेटे विवेक (12), विक्रम (10) व कैलाश (6) वर्ष तथा एक बेटी प्रिया (3) वर्ष है। भठ्ठे से मजदूरी करने के बाद संतलाल गांव में दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार चला रहा था। बिलखते हुई पत्नी प्रीति कहती हैं कि अब कौन होगा सहारा भगवान ने सबकुछ छीन लिया कैसे जिएंगे बच्चे, कौन होगा पालनहार। संतलाल की मौत के बाद मां प्रियरा, पिता रतीपाल व भाई शिवकुमार, राम कुमार, विजय कुमार व कमल का रो रोकर बुरा हाल है।