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न्यूज़ डेस्क: किसानों के संतोषजनक निस्तारण नहीं होने से 22 दिनों से किसान धरने पर है। जिस कारण पांच दिन से भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ नेता कृष्ण स्वरूप शुक्ला धरने के दौरान बीमार पड़ गये। जिनका इलाज खीरों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया। जिसके बाद फिर वो अपने यूनियन के साथ धरने पर बैठे है।

भारतीय किसान यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष राधे कृष्णा यादव व कृष्ण स्वरूप शुक्ला अपने यूनियन की समस्याओं के समाधान के लिए 9 नवंबर शनिवार को अपनी यूनियन की मांगो को लेकर बड़ती ठंड में ब्लॉक प में धरने पर बैठे है। भारतीय किसान यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष ने बताया कि हम सभी किसान अपनी 9 सूत्री मांगों को लेकर धरने में बैठे है। जिसमें पहली मांग नहरों व रजबहों में पानी नही है। दूसरी साधन सहकारी समितियों डीएपी नही है जिस कारण फसल पिछड़ती जा रही है। अगर किसी हाल में किसान अपनी फसल तयार कर भी ले तो छुट्टा मवेशियों द्वारा फसल को नष्ट कर दिया जाता है। तीसरी मांग में किसानों ने छुट्टा मवेशियों को गोशाला में भेजने की मांग रखी चौथी मांग में बताया की विद्युत विभाग द्वारा किसानों को जागरूक नही किया जा रहा जिस कारण बहुत से किसान है। जिनको अभी यही नही मालूम है।
सरकार ने किसानों के बिजली बोर का बिल माफ कर दिया है। साथ ही विद्युत विभाग के घरेलू मीटर जंप कर जाते हैं जिस कारण दो सौ रुपये से एक ही महीने में पांच हजार हो जाता है। किसी किसी का तो बीस हजार बिल हो जाता है। जिनको जानकारी नही होती है। वह बिल के बोझ के नीचे दबता ही चला जाता है। विद्युत विभाग के कर्मचारियों द्वारा बड़ी लापरवाही की जा रही है। बाकी पांच शिकायते राजस्व से संबंधित है जिसमें किसनों की जमीन को दबंगों द्वारा कब्जा किया जा रहा है।

उप जिलाधिकारी को फोन लगाकर मामले की जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उनका फोन बंद आ रहा था जिसके बाद प्रभारी तहसीलदार शंभू शरण पांडे से बात कर प्रकरण के बारे में जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि किसान यूनियन द्वारा की गई मांगो में से चार मांगों का निस्तारण कर दिया गया है। बाकी सभी मांगों को लेकर उच्च अधिकारियों से बात कर निस्तारण करने का श्वसन देते हुवे धरना खत्म करने की अपील की गई है।

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