Img 20241103 Wa0048

साधु मन चारों ओर प्रभु की भक्ति का प्रकाश फैलाता है

नागेश त्रिवेदी रायबरेली: सन्त निरंकारी आश्रम में रविवार को सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सत्संग की अध्यक्षता करते हुए विवेक ने ‌कहा।

साधु मन का कोई ठिकाना नहीं होता। वह हमेशा भटकता रहता है। साधु मन हर समय परमात्मा की भक्ति का संदेश चारों ओर फैलता है। संतों ने मन को स्थिर करने की बात बतायी है। मन हमेशा भटकता रहता है । माया में उलझाता रहता है। अगर हम मन के मुताबिक चलते हैं। तो फिर यह अपने ही इशारों में चलाता रहता है। लेकिन यही मन जब भक्ति में साधक बन जाए तो भक्ति बहुत ही सहज हो जाती है । मन का तो स्वभाव ही है कि वह जैसे-जैसे संगत करता है ।वैसे ही गुणों को ग्रहण कर लेता है। मन के रचनाहर हम खुद ही हैं। हम सभी जिस तरह मन को बनाते चले जाएंगे। वैसे ही मन बनता चला जाएगा ।

इसलिए मन को प्रभु परमात्मा में लगाना चाहिए। अच्छे लोगों की संगत करनी चाहिए ।सद्गुणों से ही अपने जीवन को निर्मल बनाना है। मन की स्वच्छता ही मन की सुंदरता है एक स्वच्छ मन ही जीवन को आनंद से भर देता है। इस मौके पर बसन्त लाल, जगन्नाथ, बसंत सिंह,संजय कुमार सिंह, शिव मूर्ति, कमल, अखिलेश, विजय बहादुर सिंह, शत्रुघ्न, राम लखन, रज्जन, बहन उषा, वन्दना, कमला, रजनी, धनदेवी, सीमा देवी, राजवती, कुसुमा, गंगा देई, मौजूद रही।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *