नागेश त्रिवेदी, जगतपुर रायबरेली। सन्त निरंकारी आश्रम में रविवार को सत्संग कार्यक्रम काआयोजन किया गया। सत्संग वक्ता विजय बहादुर ने कहा हम सभी आनंद की खोज में क्या-क्या नहीं करते हैं। लेकिन सुख और आनंद हमें संसारिक वस्तुओं से कुछ पल के लिए प्राप्त हो सकता है। मन को सदैव आनंदित रखने का मार्ग भक्ति है।
हम सभी माया के मोह में पड़े हुए हैं। माया नाशवान है, अति चंचल है ये हमें चंचलता ही देगी। कुछ पल के लिए सुख दे सकती है। मन को परमात्मा के साथ जोड़कर जब हम भक्ति करते हैं। तब परमानंद की प्राप्ति होती है। सन्त जन यही शिक्षा दे रहे हैं। आओ परमात्मा जानने योग्य है इसे जाने।सतगुरु की कृपा से इसे जाना जा सकता है। परमात्मा की भक्ति करते हुए ही हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं ।इस मौके पर बसन्त लाल, राम प्रसाद, तारा चंद्र, राम लखन, राम सुमेर, बाबूलाल, रती पाल, वंदना,ऊषा देवी, कर्मा वती,मंजू देवी, विद्यावती,कुमकुम सिंह, माया आदि मौजूद रहे।