रायबरेली: महराजगंज से सेमरौता मार्ग वर्षों से खस्ताहाल है। पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। इस सड़क पर लोगो का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। सड़क निर्माण को लेकर सिकंदरपुर निवासी बाबा रामकेवल के नेतृत्व में जनवरी 2021 में आंदोलन हुआ।
15 दिनों तक धरना चला फिर 7 दिनों तक आमरण अनशन। तत्कालीन अपर जिलाधिकारी अमित कुमार के लिखित आश्वासन पर अनशन समाप्त हुआ था, लेकिन सड़क का निर्माण नहीं हो सका। लंबे समय बाद करीब एक माह से सड़क का निर्माण चल रहा है।
ग्रामीणों ने निर्माण में धांधली का आरोप लगाया है।
ग्रामीण मनोज सिंह ने बताया कि सड़क निर्माण के पहले जितनी गिट्टी व तारकोल पड़ना चाहिए, वह नहीं डाला जा रहा है। इसके पूर्व ठीक से पटरियों की सफाई भी नहीं की गई। सीता राम ने बताया कि मऊ बाजार के अंदर आरसीसी मार्ग बनाया जा रहा है।
यहां भी मानक के अनुरूप कार्य नहीं किया गया है, सिर्फ खाना पूरी की जा रही है। फूल चंद्र ने कहा कि निर्माण में मानक की अनदेखी से सड़क की लाइफ सीमित हो जाएगी। इस धांधली की शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी। फिर भी विभाग नहीं माना तो ग्रामीणों के साथ आंदोलन किया जाएगा। दिनेश शुक्ल ने बताया कि मुरैनी ग्राम के पास हो रहे सड़क निर्माण में नाम मात्र को ही गिट्टी डाली गई है। ठीक से गिट्टी के साथ पड़ने वाला लिक्विड भी नहीं डाला गया। इस मार्ग पर कहीं-कहीं तो गिट्टी पड़ने के दूसरे दिन ही उखड़ने लगी।
पीडब्ल्यूडी के जेई ओम प्रकाश का कहना है कि सड़क निर्माण में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समय समय पर जांच की जा रही है। उच्चाधिकारी भी जांच कर रहे हैं। मानक का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
