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लोक अदालत में अधिकाधिक वादों के निस्तारण पर जोर

ऊंचाहार : 14 दिसंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत को अभूतपूर्व सफल बनाने के लिए न्यायालयों द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। गुरुवार को तहसील स्थित ग्रामीण न्यायालय के एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी ने अधिवक्ताओं के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की। जिसमें वादकारियों की सहमति से अधिकाअधिक वादों के निस्तारण पर जोर दिया गया।

इस दौरान उन्होंने संबंधित विभागों को पोस्टर व पंपलेट के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए। साथ ही पुलिस थानों और सरकारी कार्यालयों पर प्रचार प्रसार कराने को जोर दिया। समीक्षा बैठक में एनआई एक्ट (चेक बाउंस) और लघु अपराधों के अधिकतम निस्तारण पर भी चर्चा की गई।

एसडीएम ने अधिवक्ताओं से बार और बेंच में ताल मिलकर वादों के शीघ्र निस्तारण हेतु जरूरी कदम उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि जनहित का आयोजन सफल हो, इसके लिए इसका बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार किया जाना जरूरी है। इससे अदालतों में वाद का बोझ कम होने के साथ वादकारियों को भी सहूलियत मिलेगी। लोग अपने सभी प्रकार के मामले जो जुर्माने से दंडनीय है, पारिवारिक विवाद, जमीन विवाद, बिजली के मामले, चेक बाउंस के मामले, सुलह योग्य फौजदारी के मामले, बैंकों के ऋण के प्री-लिटिगेशन वाद और वैवाहिक वादों का प्रभावी समाधान सुलह समझौता के माध्यम से राष्ट्रीय लोक अदालत में प्राप्त कर सकते हैं।

इस मौके पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश चंद्र उपाध्याय, शासकीय अधिवक्ता धर्मेश पाठक, दिनेश चंद्र त्रिपाठी, सीके शुक्ल, शिवजी पांडेय, अवधेश यादव, राम सिंह, विमल यादव, जेएन शुक्ल उर्फ मनोज शुक्ल, मोहित श्रीवास्तव, आदि मौजूद रहे।

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