रायबरेली: विकास खंड के श्रमिकों को गांव में रोजगार मिले। इसके लिए सरकार द्वारा मनरेगा योजना के अंतर्गत श्रमिकों को रोजगार देने की व्यवस्था की गई। इसके विपरीत ग्राम विकास अधिकारियों तथा रोजगार सेवकों की अनदेखी की वजह से 7 महीने में सात गांव सभाए श्रमिकों को रोजगार देने में सैकंडा का आंकड़ा नहीं छू सकी। खंड विकास अधिकारी के निरीक्षण में 26 ग्राम सभाओं में मनरेगा कार्य बंद मिला। ग्राम सभाओं में तैनात सचिवों को एक माह के अंदर लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
वर्ष 2024- 25में मनरेगा योजना के अंतर्गत सभी 39 ग्राम सभाओं को मानव दिवस पूर्ण करने के लिए अलग-अलग लक्ष्य दिया गया। जगतपुर ,जमोड़ी ,कल्यानपुर सुरजई,नसीरनपुर, शंकरपुर, उमरी, भीख, सात ग्राम सभाओं के सचिवों की लचर कार्य शैली के चलते सात महीने में भी एक सैकड़ा मानव दिवस का आंकड़ा पूर्ण नहीं किया गया। मनरेगा योजना के अंतर्गत कराए जाने वाले कच्चे कार्यों के न होने से गांव के विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। जिसको लेकर खंड विकास अधिकारी ने गांव सभाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान दौलतपुर, हेवतहा नेवढिया, जमोड़ी ,नवाबगंज, सिंगापुर भटौली, उमरी, बेनी कामा, चिचौली, सान्हूकुआ ,सराय, छीछे मऊ, धोबहा, धूता ,खजुरी, कजियाना, कल्याणपुर मखदुमपुर ,नसीरनपुर, जगतपुर ,कुसमी ,रोझइया गोकुलपुर, सुदामापुर, टांघन, मनोहरगंज पूरब गांव शंकरपुर में मनरेगा योजना के तहत कार्य न कराये जाने का खुलासा हुआ।खंड विकास अधिकारी हबीबुल रब ने बताया है कि ग्राम विकास अधिकारी जितेंद्र कुमार, सुनील भास्कर, पवन कुमार, अनूप कुमार, अंजलि, अमित कुमार ,संगीता को समय से लक्ष्य पूर्ण करने के लिए नोटिस की गई है।