रायबरेली : परिवहन निगम के अनुबंधित बस के एक चालक ने शनिवार को विभाग के सारे नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई। चालक ने परिचालक को रास्ते में उतार दिया और सवारियां लेकर लखनऊ से रायबरेली के लिए भाग निकला। बिना परिचालक के सवारियां लेकर करीब दो घंटे तक अनुबंधित बस सड़क पर फर्राटा भरती रही और किसी ने जानकारी होने बाद भी बीच रास्ते में चेक नहीं किया। परिचालक की शिकायत के बावजूद विभागीय अधिकारी मामले को दबाने का प्रयास करते रहे।
शनिवार को रायबरेली डिपो की बस लखनऊ से रायबरेली के लिए निकली। तेलीबाग में परिचालक सवारियों को बैठाने के लिए बस से नीचे उतरा। चालक ने परिचालक को बिना बिठाए रायबरेली के लिए बस दौड़ा दी। परिचालक बस के पीछेपीछे चालक को आवाज लगाते हुएकाफी दूर तक भागता रहा, लेकिन चालक ने बस नहीं रोकी। यात्रियों ने भी चालक से परिचालक को बिठाने के लिए कहा, इसके बावजूद चालक नहीं माना और बस नहीं रोकी। परिचालक ने मामले को लेकर विभागीय ग्रुप पर चालक की शिकायत की।
इसके बावजूद चाल पर कोई असर नहीं पड़। इस घटना के बाद लोग विभाग में अनुशासन व कायदे कानून को लेक सवाल खड़े कर रहे हैं। बिना परिचालक के सवारियों को टिकट कैसे दिया गया? सवाल यह भी है कि सवारियों से लिया गया पैसा किसके पास है? विभागीय अधिकारी भी इन सवालों को लेकर अंजान हैं। चालक की मनमानी को लेकर परिचालक अनमोल ने विभाग के अधिकारियों से चालक पर कार्रवाई की मांग की है। मामले को लेकर लखनऊ मुख्यालय तक अफरा तफरी मची हुई है। बस अनुबंधित होने के कारण विभागीय अधिकारी कार्रवाई की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे हैं। यात्री राजकरन यादव का कहना है कि चालक ने सभी यात्रियों से पैसे लिए, लेकिन टिकट नहीं दिया। हालांकि डिपो के अधिकारी दबी जुबान से प्रकरण की जांच कराने की बात कह रहे हैं।
