रायबरेली : फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के मामले एक के बाद एक सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में एक और मामला प्रकाश में आया है जिसमें 23 लोगों को फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर लाभ दिया गया है। प्रकरण की जांच पूर्व में कराई गई, जिसमें आरोप सही मिले, लेकिन कार्रवाई फाइल में ही दबकर रह गई है। शिकायतकर्ता ने डीएम को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।
लालगंज विकास खंड के हरीपुर के रामप्रकाश ने डीएम को शिकायती पत्र देकर ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर ग्राम पंचायत में 23 लोगों को समाज कल्याण विभाग से पारिवारिक योजना का लाभ दिलाने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि ऐसे लोगों को योजना का लाभ दिलाया गया है, जिनकी कई वर्ष पहले मृत्यु हुई है।
इस मामले की अगस्त 2022 में शिकायत भी की गई थी, जिसके बाद 22 जनवरी 2022 को जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए थे। अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड दो व जिला विकास अधिकारी अरुण कुमार की संयुक्त टीम ने ब्लाक अधिकारियों व ग्रामीणों के सामने जांच की। 22 सितंबर 2022 को जांच रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को दी गई।
जांच में आरोप सही मिले, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। सवाल यह है कि जांच में दोषी मिलने के बाद कार्रवाई करने के बजाए मामले को दबाने का प्रयास किया जाने लगा। शिकायतकर्ता ने मामले पर कार्रवाई न होने पर जांच रिपोर्ट के साथ जुलाई 2024 में फिर डीएम से शिकायत की। दो माह बीतने के बावजूद शिकायत की जांच डीपीआरओ कार्यालय तक ही पहुंच पाई है। मामले पर डीपीआरओ का कहना है कि ग्राम पंचायत से मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी जारी होता तो जांच कर मेरे स्तर से कार्रवाई की जाती, लेकिन शिकायत में उल्लेख है कि बिना पंचायत के जारी प्रमाण पत्र से योजना का लाभ दिया गया है। यह मामला समाज कल्याण विभाग से संबंधित है। जिला समाज कल्याण अधिकारी सृष्टि अवस्थी का कहना है कि प्रकरण संज्ञान में नहीं है। शिकायत मिली तो जांच कर दोषियों से वसूली की कार्रवाई की जाएगी।