अधूरा तो कहीं निष्प्रयोज्य पड़े नवनिर्मित अन्नपूर्णा भवन

मोहम्मद इसराइल ऊंचाहार रायबरेली

ऊंचाहार, रायबरेली: जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते सरकार की महत्वपूर्ण अन्नपूर्णा योजना परवान नहीं चढ़ सकी है। लाखों खर्च के बाद कहीं पर भवन का हस्तांतरण नहीं हुआ, तो कहीं छह माह से बन रहा भवन अधूरा पड़ा सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की पोल खोल रहा है। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन करने वाले जिम्मेदार बिल्कुल भी संजीदा नहीं हैं।

पचखरा, सराय हरदो, खरौली ग्रामपंचायतों में मनरेगा से आठ लाख रुपए खर्च कर अन्नपूर्णा भवन का निर्माण कराया गया है। पिछले चार माह से भवन बनकर तैयार है। लेकिन जिम्मेदारों द्वारा भवन का हस्तांतरण नहीं किया जा रहा है। लाखों की लागत से निर्मित भवन निष्प्रयोज्य पड़ा है। इससे कार्ड धारकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने उक्त भवन का हस्तांतरण करते हुए निर्मित भवन में राशन वितरण कराए जाने की मांग की है। वहीं कोटरा बहादुरगंज गांव में आठ लाख की लागत से अन्नपूर्णा भवन का निर्माण कार्ड धारकों की सुविधा के लिए कराया जा रहा है। इस भवन में अब तक मात्र दीवाल खड़ी कर छत ही डाली जा सकी है। पीछे ले चार माह से भवन का निर्माण बंद पड़ा है। अधूरे पड़े निर्माण के लिए जिम्मेदार वर्षा को कारण बता रहे हैं। यहां भी कोटेदार अपनी पुरानी दुकान से ही राशन वितरण कर रहे हैं। क्योंकि भवन में अभी तक प्लास्टर व शटर लगाए जाने का इंतजार है। ग्रामीणों ने कई बार भवन निर्माण कार्य शुरू कराए जाने की मांग की। लेकिन ग्राम पंचायत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। इसके अलावा कल्यानी, सवैया हसन तथा होरैसा गांव में अन्नपूर्णा भवन स्वीकृत हैं। लेकिन बीडीओ की लापरवाही के चलते यहां निर्माण कार्य अभी तक शुरू ही नहीं हो सके। खंड विकास अधिकारी कामरान नेमानी ने बताया कि जो अन्नपूर्णा भवन बनकर तैयार हैं उनके हस्तांतरण को उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा। साथ ही निर्माणाधीन भावनों का जल्द कार्य पूर्ण कराकर इनमें राशन वितरण का कार्य शुरू कराया जाएगा।

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