शरद पूर्णिमा व बाल्मीकि जयंती पर हजारों श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान।

न्यूज डेस्क: गोकर्ण ऋषि की तपस्थली व दक्षिण वाहिनी मां गंगा के गोकना घाट पर शरद पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालुओं गंगा स्नान कर गंगा तट के शिवालयों, मंदिरों में जलाभिषेक कर पूजा अर्चन किया। इससे पूर्व मां गंगा गोकर्ण जन कल्याण सेवा समिति की और से आयोजित गंगा महाआरती एवं दीपदान में सैकड़ो श्रद्धालुओं ने सम्लित होकर अपने व परिवार के कल्याण की कामना की। लोगों ने मां गंगा को निर्मल एवं स्वच्छ बनाने की शपथ ली।

बुधवार की देर शाम से ही श्रद्धालुओं का गंगा घाट पर आना शुरू हो गया था। भजन भजन व विश्राम के बाद रात्रि करीब दो बजे से गंगा स्नान का सिलसिला शुरू हो गया। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर घाट के मंदिर व शिवालयों में जलाभिषेक किया। इससे पूर्व हजारों श्रद्धालुओं ने कल्पवास भी किया। समिति के सचिव व वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित पंडित जितेंद्र द्विवेदी ने बताया कि शरद पूर्णिमा पर्व एवं बाल्मिक जयंती मनाई गई। उनके चित्र पर कर माल्यार्पण कर उनको याद किया गया। तथा लोगों से बाल्मीकि लिखित रामायण को घरों में रखने की भी बात कही गई। इससे पूर्व समिति द्वारा मंदिरों एवं घाटो की साफ-सफाई भी कराई गई। और समिति के लाउडस्पीकर से श्रृद्धालुओं को अपने समानों की सुरक्षा स्वयं करने, गहरे जल में स्नान न करने, किसी भी प्रकार का कूड़ा कचरा पॉलिथीन, प्लास्टिक गंगा नदी में ना फेंकने की अपील लगातार की जाती रही। स्नानार्थियों की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम थे। इस दौरान समिति द्वारा निर्मल गंगा, जल एवं पर्यावरण संरक्षण पर विचार गोष्ठी की गई। जिसमें सामाजिक एकता एवं सद्भाव की भी शपथ ली गई। तथा लोगों को मां गंगा को निर्मल एवं स्वच्छ बनाने, वृक्षारोपण तथा जल संरक्षण, बिना नशा के त्यौहार मनाने की सलाह दी गई।

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