रायबरेली: दीपावली के बाद मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने व पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं चिरैया गौर की पूजा करती हैं। चावल के आटे से बनी चिड़िया को पूजा के बाद मौन रहकर महिलाएं खाली हैं।
घर में सुख संवृद्धि और पति की चिर आयु की कामना के साथ साथ मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए चिरैया गौर का पर्व मनाया जाता है। शनिवार को महिलाओं ने उत्साह के साथ पर्व का मनाया। चिरैया गौर का व्रत करने वाली सिकरोढ़ी गांव की तृप्ति मिश्रा का कहना है कि यह व्रत रखने वाली महिलाएं मौन व्रत रखकर गाय के गोबर से चौकी बनाती हैं। कुछ महिलाएं दीवार पर चौकी बना कर तो कुछ पर्व के कैलेंडर पर पूजा अर्चना करती हैं।
सनातन धर्मपीठ के महामंडलेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरि ने गोवर्धन पूजा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पूजा द्वापर युग से शुरू हुई है। इस दिन महिलाएं गाय के गोवर से गोवर्धन की मूर्ति बनाकर पूजा करती हैं।
सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा का बड़ा धार्मिक महत्व है। इस त्योहार को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा के लिए समर्पित है। गोवर्धन गिरि भगवान के रूप माने जाते हैं और इस दिन उनकी पूजा करने से धन, धान्य, संतान और गोरस की वृद्धि होती है। इस अवसर पर स्वामी दिव्यानंद गिरि, आचार्य उमाकांत मिश्र, सुशील शास्त्री मौजूद रहे।