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रायबरेली: जन्म प्रमाणपत्रों के बाद अब मृत्यु प्रमाणपत्रों में भी फर्जीवाड़े के साक्ष्य सामने आ गए हैं। फतेहपुर जिले में लोक निर्माण विभाग में कार्यरत बेलदार अतर सिंह की मौत हो गई। मौत के बाद मैना देवी ने फतेहपुर और शांती देवी ने रायबरेली से अलग-अलग तारीख का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर भुगतान के लिए आवेदन कर दिया। दोनों ही महिलाओं ने मृतक आश्रित के रूप में नौकरी दिलाने की मांग की। दो-दो आवेदनों के बाद विभाग में अफरातफरी का माहौल है। अब दोनों मृत्यु प्रमाणपत्रों की जांच शुरू करा दी गई है।
ऊंचाहार के कंदरावा के अतर सिंह फतेहपुर में पीडब्ल्यूडी में बेलदार पद पर तैनात थे। उनकी मौत होने के बाद उनकी पत्नी शांति देवी ने मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया । गांव के लोगों द्वारा बताया जा रहा है कि अतर सिंह ने दो विवाह किए थे। एक रायबरेली और दूसरा फतेहपुर में। छह अगस्त को अतर सिंह की मौत कंदरावां में हो गई।
लोगों का कहना है कि दूसरी पत्नी कुछ लोगों के साथ आई और शव को फतेहपुर लेकर चली गई और दाह-संस्कार किया। अब तो ने नौकरी के लिए आवेदन किया है। विभाग अधिकारी दोनों के मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर उहापोह में हैं। दोनों प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए पत्र जारी किया गया है। कंदरावां के पंचायत
सचिव बीरेंद्र सिंह ने बताया कि अतर सिंह की मौत छह अगस्त 2023 को कंदरावां में हुई थी। उनकी पत्नी ने मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। मौत गांव में होने के कारण प्रमाण पत्र जारी किया गया है। इस बाबत मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय से दूरभाष पर संपर्क करने का कई बार प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। जिला पंचायत राज अधिकारी सौम्य शील सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है।

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