रायबरेली, ऊंचाहार रामसांडा गांव के पास बाईपास निर्माण की के लिए मिक्सर प्लांट लगाया गया है। चिमनियों से निकलने वाली धूल हवा के साथ उड़कर परिक्षेत्र के गांवों तक पहुंचती है। इसकी चपेट में आकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होते जा रहे हैं। शिकायत के बावजूद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
रामसांडा गांव के पास बाईपास निर्माण को मिक्सर प्लांट लगाया गया है। जिसमें गिट्टी मौरंग समेत अन्य सामग्री को मिक्सर मशीन के जरिए मिलाकर कार्यस्थल पर भेजा जाता है। इसके अवशेष हवा के साथ चिमनियों से बाहर निकलते हैं। जो दर्जनों गांवों के लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। लोगों के घरों की छतों की मोटी परतें जम चुकी है। गांव के लोग अपने अपने घरों की प्रतिदिन सफाई करते हैं। और सुबह फिर वैसी ही परत जम जाती है। रामसांडा निवासी राधा कृष्ण तिवारी, अर्जुन अग्रहरि, विजय बहादुर मौर्य समरजीत सिंह, राजरानी, फूलमती, संजय तथा बाहर पुर निवासी मंजू देवी, कमलेश कुमार मौर्य आदि का कहना है कि मिक्सर प्लांट से उड़ने वाली धूल की बदौलत जीना दुश्वार हो गया है। रात में घरों में सोने पर यही धूल मुंह और नाक के रास्ते शरीर के अंदर प्रवेश कर जाती है। जिसकी वजह से गांव के 40 फीसद लोग खांसी, दमा, टीबी जैसी गंभीर बीमारियों के आगोश में आते जा रहे हैं। प्रबंधन द्वारा बचाव का कोई उपाय नहीं किया जा रहा है। एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है। मामले जांच कर कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
इन गांवों के लोग हो रहे प्रभावित।
रामसांडा, गंधवी, पूरे बेनऊ, बाहरपुर, जमुनापुर, पचखरा, पूरे भोज, पूरे बनियन, दौलतपुर, पूरे पंडित, पनवारी आदि