रायबरेली : गंदगी से मोक्षदायिनी कराह रही हैं। मां गंगा में गिर रहे नालों को लेकर अधिकारी बेखबर हैं। नालों के गंदे पानी से मैली हो रही भागीरथी को लेकर श्रद्धालुओं में रोष है।
महाकुंभ की तैयारियों को लेकर शासन गंभीर है, लेकिन जिले में मां गंगा की स्वच्छता को लेकर अधिकारी कागजी प्रक्रिया तक ही सीमित है। बुधवार को सशक्त न्यूज़ डिजिटल प्लेटफार्म पर महाकुंभ में 45 दिन शेष गंगा में जा रहा प्रदूषित पानी शीर्षक से 26 नवंबर 2024 को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की। डलमऊ नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी आरती श्रीवास्तव ने बायो रेमेडिएशन की प्रक्रिया का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने टंकियों में दवा डलवाई।
ईओ का कहना है कि डलमऊ में गंगा में गिरने वाले नालों के गंदे पानी को शोधित करने वाली दवा डलवाई जा रही है। ठेकेदार की लापरवाही मिली है। बुधवार को ठेकेदार को नोटिस देकर एक सप्ताह में जवाब तलब किया जाएगा।
