Img 20241011 Wa0195

गंदगी से कराह रहे प्रधानमंत्री आदर्श गांव

रायबरेली : शासन से 40 फीसदी से अधिक अनुसूचित आबादी वाले गांवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत सजाने के निर्देश हैं। जिले में 21 गांव को प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना के तहत चयनित किया गया है। पैसा भी स्वीकृत हो गया है। धन मिलने के बाद ग्रामीणों में उम्मीद जगी की अब गांव की बदहाली दूर होगी, लेकिन गांव में विकास कार्य शुरू नहीं हो सके हैं। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं।

डलमऊ के सुरसना गांव के ग्राम प्रधान सुनीता सिंह का कहना है कि 2017 में गांव को पीएम आदर्श गांव में चयनित किया गया था। सिडको कंपनी से कुछ लोग आए थे। ग्राम पंचायत से विकास कार्यों को कराने के लिए प्रस्ताव लिया और बताया कि गांव में 20 सोलर लाइट, दो आंगनबाड़ी केंद्र और नाली, सीसी रोड का निर्माण कराने के लिए 20 लाख मिले हैं, लेकिन अभी तक न कोई काम हुआ और न कोई देखने आया। यही हाल बछरावां के कन्नावां का है। समाज कल्याण विभाग में प्रधानमंत्री आदर्श गांव का काम देख रहे कर्मचारियों का कहना है कि कन्नावां में योजना के तहत पहली किस्त का पैसा 10 लाख रुपये सिडको को मिल गए हैं।
काम क्यों नहीं शुरू हुआ, इसको लेकर कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है। समाज कल्याण अधिकारी सृष्टि अवस्थी से बात की गई तो उन्होंने जानकारी न होने की बात कहकर कुछ भी बताने से पल्ला झाड़ लिया। पीएम आदर्श गांव योजना के तहत चिह्नित गांव में विकास कार्य न शुरू होने को लेकर ग्रामीणों में रोष है। प्रधानमंत्री आदर्श गांव योजना में चयनित बछरावां के बन्नावां के राम कुमार व कसरावां गोविंद, हरीशंकर व कन्नावां के राकेश का कहना है कि अधिकारियों की मनमानी से गांव में लोग गंदगी व जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन अधिकारी मौन हैं।

मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय प्रधानमंत्री आदर्श गांवों के विकास का पैसा आने के बाद भी विकास कार्य न शुरू होने का मामला संज्ञान में आया है। प्रकरण की जांच कराई जाएगी। लापरवाही करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *