न्यूज़ नेटवर्क।
रायबरेली शहर में जाम की समस्या से राहत दिलाने के लिए शहर की दो सड़कों के चौड़ीकरण का काम अधर में लटका है। इसकी मुख्य वजह बिजली के खंभे और लाइनें हैं।
छह महीने पहले पावर कॉर्पोरेशन को सात करोड़ रुपया दिया गया, लेकिन अब तक खंभे और लाइनें नहीं हट पाईं। इस वजह चौड़ीकरण का काम अधर में लटका है। इस कारण लोगाें को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
शहर में डिग्री कॉलेज चौराहा से अस्पताल चौराहा, बस स्टेशन होते हुए रतापुर मार्ग निकला है। इस मार्ग पर सबसे ज्यादा भीड़भाड़ रहती है। इसी तरह सिविल लाइंस चौराहा से परशदेपुर मार्ग पर छोटे और भारी वाहनों का आवागमन रहता है। इसकी वजह से आए दिन लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
जाम से लोगों को राहत दिलाने के लिए दोनों मार्गों का चौड़ीकरण कराया जाना है। दोनों मार्गों के चौड़ीकरण में करीब 11 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। लोग निर्माण विभाग की ओर से चौड़ीकरण कराने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, लेकिन चौड़ीकरण के दायरे में बिजली के खंभे और लाइनें रोड़ा बनी हैं।
दोनों सड़कों के किनारे लगे बिजली के खंभों को हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने पावर कॉर्पोरेशन को सात करोड़ दे चुका है। छह महीने बाद भी खंभे नहीं हटाए जा सके हैं। इसकी वजह से चौड़ीकरण का काम अधर में है। चौड़ीकरण नहीं होने से आए दिन लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है।
दोनों सड़कों की चौड़ाई सात मीटर है। डिग्री कॉलेज चौराहे से निकली सड़क पर सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। इसी तरह सिविल लाइंस चौराहे से पीएसी तक कई सरकारी और निजी विद्यालय हैं। विद्यालयों में छुट्टी के समय अक्सर जाम लग जाता है। दोनों सड़कों की चौड़ाई 10 मीटर की जाएगी। सड़क चौड़ी होने के बाद जाम की समस्या से काफी राहत मिल जाएगी।
विद्युत वितरण खंड प्रथम के एक्सईएन प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि दोनों सड़कों के चौड़ीकरण के दायरे में आने वाले बिजली के खंभों को हटाने का काम चल रहा है, लेकिन अतिक्रमण की वजह से कुछ कई जगह काम अधर में है। इसके लिए नगर पालिका परिषद को पत्र लिखा गया है। अतिक्रमण हटने के बाद लाइन हटाने काम का पूरा करा लिया जाएगा।
