किसानों ने नहर में पानी छोड़ने को किया प्रदर्शन

मोहम्मद, इसराइल, ऊंचाहार: डलमऊ पंप कैनाल से निकलने वाली ऊंचाहार रजबहा के सहारे किसान 12 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान, गेहूं, चना, मटर, ज्वार, बाजरा समेत सब्जियों की खेती करते हैं। अषाढ़ से नहर में पानी नहीं आया, आलू और गेहूं की बोवाई का समय चल रहा है। बिना पलेवा के सूखे खेतों में बोवाई नहीं हो सकती। समस्या को लेकर आक्रोशित किसानों ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शन कर एसडीएम को ज्ञापन देते हुए सिंचाई विभाग से नहर जल्द पानी छोड़वाने की मांग की है।

गंधपी निवासी अमरेश शर्मा, अवधेश कुमार, भागीरथी, चंद्रपाल मौर्य, छोटेलाल, राजबहादुर, आशीष कुमार, प्रदीप कुमार, धर्मेश कुमार, सुरेश शर्मा, शिव शंकर, रामचंदर, बृजेंद्र कुमार आदि किसानों का कहना है कि इस बार असर से लेकर अब तक नहर में पानी नहीं आया है। साफ सफाई भी न होने से नहर के चारों ओर झाड़ियां खड़ी हैं, और प्रवाह क्षेत्र में धूल उड़ रही है। अब नहर की हालत यह है कि ऊंचाहार रजबहा के साथ इससे निकलने वाली कंदरावा, होरैसा, खरौली, महिमा पुर, मकवानपुर, नजनपुर, दौलतपुर, सवैया राजे, बहेरवा माइनर भी सूखे पड़े हैं। यह स्थिति तब है, जब गेहूं की बुवाई के लिए क्षेत्र के लगभग 80 हजार किसानों को अपने खेतों का पलेवा कर गेहूं की बोवाई की जरूरत है। नहर में पानी न आने से कुछ लोग निजी नलकूपों का सहारा ले रहे हैं। जिससे उनकी लागत पढ़ने के साथ लगभग 600 रुपए प्रति बीघा के हिसाब से पानी लगता है। इससे एक हेक्टेयर में किसानों को तीन हजार से चार हजार रुपए सिंचाई में खर्च आता है।

गेहूं, आलू की फसल में चार से पांच बाढ़ सिंचाई करनी पड़ती है। गुलरिहा निवासी किसान विजय तिवारी, शिव भूषण सिंह, उमेश कुमार, शशिधर पांडेय, रमाकांत पांडेय, रमापति पांडेय आदि का कहना है कि गेहूं की बोवाई का समय पांच नवंबर से 10 दिसंबर तक उत्तम माना गया है। यदि अब खेतों की सिंचाई की गई तो धूप कम होने की वजह से बोवाई में समय लगेगा। देर से बोवाई होने पर उनकी फसल पिछड़ने के साथ उपज भी प्रभावित हो जाएगी। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता प्रवीण कुमार पांडेय ने कहा कि नहर की सफाई का कार्य चल रहा है। 15 दिसंबर तक नहर में पानी छोड़ा जाएगा। एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि किसने की समस्या को देखते हुए सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारियों से बातचीत कर जल्द सफाई का काम समाप्त कराकर नहर में जल्द पानी छोड़वाया जाएगा।

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