रायबरेली। मौरावां रजबहा से निकली नरी चक माइनर की दाहिनी पटरी मे बण्डे गाँव के पास बुधवार की रात फिर कट गई। इसके पहले इसी जगह पर नहर की पटरी कट गई थी। जिसके बाद पानी को रोक दिया गया था। दोबारा पानी छोड़े जाने से पटरी फिर कट गई। दो बार नहर की कटान से कई किसानों की गेहूं, चना, मटर आदि फसलों भारी नुकसान पहुँचा है।किसानों में भारी आक्रोश है।
नरीचक माइनर उन्नाव होते हुए बण्डे गाँव के पास रायबरेली मे प्रवेश करती है और भागीखेरा, कहुआ, ताला, खगिया खेड़ा, रजवापुर, अर्जुन खेरा व विक्रम पुर होते हुये बरदर गाँव के पास सरिनाले मे मिल जाती है।
माइनर में अत्यधिक जल भराव के कारण बण्डे गाँव के पास बुधवार की रात नहर की दाहिनी पटरी फट गई। नहर के पानी में कई किसानों की गेहूँ व अन्य फसल डूब गई। ग्रामीणों राम किशोर , सोनी, शिव बालक, ललऊ ने बताया कि बार बार शिकायत करने के बावजूद नहर की कटी पटरी बंधवाई नहीं गई। नहर विभाग के अवर अभियंता प्रदीप कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नहर की पटरी कटने की जानकारी उन्हें है जिसे बंधवाने का प्रयास किया जा रहा है।
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इनसेट
बुधवार की रात नरीचक माइनर की पटरी कटी तो बृहस्पतिवार की सुबह मौरावां रजबहा की दाहिनी पटरी भी सुखई खेड़ा गाँव के पास कट गई। कटान से करीब डेढ़ सौ बीघा फसल जलमग्न हो गई। रजबहा का पानी सुखई खेड़ा गाँव तक पहुँच गया। गाँव के किनारे बने आधा दर्जन घरों के सहन मे जलभराव हो गया।
सूचना के बाद मौके पर पहुँचे जेई जितेन्द्र कुमार ने देर शाम नहर की कटी पटरी बंधवाई। सुखई खेड़ा के राजाराम , बाबूलाल, राम प्रसाद, लोधे, व खेलावन, राजरानी ने बताया कि विभाग द्वारा बिना नहर की सफाई व खुदाई के कारण नहर मे पानी छोड़ने दिया गया। विभाग की लापरवाही का खमियाजा किसानों को झेलना पड़ रहा है। किसानों ने मुआवजे की मांग की है।