ऊंचाहार: शासन की ओर से गांवों में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन विभाग की उदासीनता लोगों पर भारी पड़ रही है। पट्टी रहस कैथवल गांव में बना एएनएम सेंटर इसका सजीव गवाह है। लाखों की लागत से बने इस एएनएम सेंटर से लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। गर्भवती महिलाओं को प्रसव व बच्चों को टीकाकरण के लिए सीएचसी या फिर 45 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल जाना पड़ता है।
भवन में प्रसव कक्ष से लेकर आवासीय कमरे भी बनाए गए हैं। ताकि यहां तैनात एएनएम रात्रि विश्राम कर सके। लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते यह भवन करीब पांच सालों से जर्जर हो चुका है। भवन के चारों ओर गंदगी फैली हुई है। यहां लगा हैंडपंप उपयोग के अभाव में खराब हो गया, जगह जगह चहार दिवारी भी टूटी हुई है। खिड़की व दरवाजों का पता नहीं है। यहां बेसहारा मवेशियों का दिन रात भय बना रहता है। किसी तरह एक कमरे में ही एएनएम और सीएचओ कार्य करती हैं।
गांव के रामभवन, अनमोल उपाध्याय, रोहित, मुन्ना, शिवदीप चौरसिया, अरविंद कुमार, राधेश्याम, उमेश कुमार आदि ने बताया कि यहां एएनएम रात्रि निवास नहीं करती है। कभी-कभी गांव में आती हैं तो बच्चों का टीकाकरण के बाद वापस चली जाती हैं। 30 हजार आबादी वाले इस क्षेत्र के लोगों को प्रसव व टीकाकरण के लिए पांच किलोमीटर दूर सीएचसी व 40 किलोमीटर दूरी तय कर जिला अस्पताल जाना पड़ता है।
सीएचसी अधीक्षक डा. मनोज शुक्ल ने बताया कि एएनएम सेंटर पर स्वास्थ्य कर्मियों को रात्रि विश्राम के आदेश दिए गए हैं। पट्टी रहस कैथवल गांव स्थित बना एएनएम सेंटर के जर्जर होने की सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई है। शीघ्र ही इसकी मरम्मत कराई जाएगी।