रायबरेली : नौ दिनों तक पूजन अर्चन के बाद शनिवार को भक्त देवी प्रतिमाओं का विसर्जन करेंगे। देवी प्रतिमा के भू-विसर्जन के लिए शहर में राजघाट व मुंशीगंज के पास नगर पालिका की ओर से गड्ढे बनाए गए हैं। डलमऊ, ऊंचाहर, गेगासो सहित तमाम स्थानीय गंगा घाटों पर मूर्ति विसर्जन की तैयारी प्रशासन की ओर से पूरी कर ली गई है।
देवी भक्तों को घाट तक आने जाने में परेशानी न हो, इसके लिए मार्ग समतल कराया गया है। भू-विसर्जन के दौरान घाट पर नाविक व गोताखोर तैनात किए गए हैं।
जिले भर में स्थापित करीब एक हजार से अधिक देवी प्रतिमाओं का भू-विसर्जन श्रद्धालु आस्था व धार्मिक परंपरा के अनुसार गंगा व सई के किनारे करते हैं। शहर के बाद सबसे अधिक मूर्तियां डलमऊ गंगा के किनारे बने गड्ढ़ों में देवी भक्त विसर्जित करते हैं। शुक्रवार को प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। डलमऊ नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी आरती श्रीवास्तव का कहना है कि गंगा के किनारे मूर्ति भू-विसर्जन के लिए नगर पंचायत की ओर से गड्ढे बनाए गए हैं।
शनिवार को बड़ी संख्या में लोग मूर्तियों का भू-विसर्जन करने के लिए आएंगे। गंगा घाट पर बैरिकेडिंग व साफ सफाई के लिए सफाई कर्मियों की तैनाती की गई है। नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी स्वर्ण सिंह का कहना है कि लालगंज रोड के पास सई नदी के किनारे राजघाट पास व मुंशीगंज के पास गड्ढे बनाए गए हैं। भू-विसर्जन के दौरान नाविक व गोताखोरों की तैनाती कर दी गई है। रात के समय प्रकाश की व्यवस्था, अधिकारियों व कर्मचारियों को बैठने की व्यवस्था कराई गई है।
तैयारियां पूरी आज होगा मूर्तियों का भू-विसर्जन
