oplus_1026

किसान अब घर बैठे ठीक कराएं खतौनी की गड़बड़ी

किसान अब घर बैठे ठीक कराएं खतौनी की गड़बड़ी

रायबरेली: रीयल टाइम खतौनी में अंश निर्धारण व अन्य गड़बड़ी से परेशान अन्नदाता अब घर बैठे ही खतौनी में हुई त्रुटियों में सुधार कर सकेंगे। उन्हें तहसील के चक्कर लगाने के साथ ही उप जिला अधिकारी न्यायालय में मुकदमा दाखिल नहीं करना पड़ेगा। और खतौनी में हुई त्रुटि से परेशान किसानों की समस्या का निराकरण भी घर बैठे आसानी से हो जाएगा। इससे किसानों की भागदौड़ के साथ-साथ व्यर्थ में व्यय होने वाले धन की भी बचत होगी।

खतौनी से संबंधित राजस्व न्यायालय में बढ़ती शिकायतों को देखते हुए राजस्व परिषद ने विभागीय वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू कर दी है। इस पर आने वाले आवेदनों का सत्यापन कर तहसीलदार और लेखपाल अपनी जांच रिपोर्ट देंगे। इसके बाद खतौनी में हुई त्रुटि का सुधार हो जाएगा। इससे एसडीएम कोर्ट में धारा 34 के बढ़ते मुकदमों की संख्या में भी कमी आएगी।

तहसील क्षेत्र के 119 ग्राम पंचायतों समेत नगर पंचायत के किसानों व नागरिकों की जमीन की खतौनी को रियल टाइम किया गया है। जिसे बनाते समय अंश निर्धारण समेत कई खामियां आई हैं। अन्नदाताओं को इसे दुरुस्त कराने के लिए तहसील के चक्कर लगाने के साथ मुकदमे भी दायर करने पड़ रहे हैं। राजस्व टीम द्वारा उन्हें कुछ दिनों तक तो आश्वासन दिया जाता रहा, कि वेबसाइट बंद है खुलेगा तो खतौनी की गड़बड़ी को दूर कर दिया जाएगा, लेकिन असल में ऐसा नहीं हुआ।

इस व्यवस्था के अलावा राजस्व टीम गांवों में चौपाल के जरिए खुली बैठक कर भी लोगों के समक्ष अंश निर्धारण से जुड़ी हुई गलतियों को बताएंगे। सह खातेदारों की बातों को सुनते हुए इसमें सुधार किया जाएगा।

एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि राजस्व परिषद की वेबसाइट में व्यवस्था दी गई है, इससे राजस्व टीम के जरिए आसानी से रीयल टाइम खतौनी में हुई त्रुटियों में सुधार किया जाएगा। शासन की इस व्यवस्था के बाद ‌काश्तकारों को अब कोर्ट की लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। संबंधित को अनुपालन करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

रीयल टाइम खतौनी में आई त्रुटियों का सुधार किसान खुद कर सकता है। किसान को पुरानी खतौनी या साक्ष्य देना होगा कि अंश निर्धारण इतना होना चाहिए, और गलती से कम या अधिक हो गया है। खुद आवेदन करने में किसान अस्मर्थ है, तो वह मैन्युअल शिकायत राजस्व कर्मी या तहसीलदार से कर सकता है। लेखपाल या तहसीलदार भी पोर्टल से वेबसाइट खोलकर खतौनियों में आई गड़बड़ियों में सुधार करेंगे।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *