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दो दलाल गिरफ्तार, रायबरेली-फतेहपुर परिवहन विभाग के कई अफसरों पर एफआईआर

न्यूज़ नेटवर्क

रायबरेली। जिले के लालगंज में यूपी एसटीएफ ने परिवहन विभाग से जुड़ी अवैध वसूली की सबसे संगठित श्रृंखला का भंडाफोड़ करते हुए बड़ा खुलासा किया है।

रायबरेली-फतेहपुर मार्ग पर चलने वाले ट्रकों से जबरन वसूली करने वाले गिरोह को एसटीएफ ने दबोचा है। कार्रवाई में दो दलालों की गिरफ्तारी हुई है, जबकि रायबरेली और फतेहपुर के कई परिवहन अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की गई है।

बुधवार को एसटीएफ टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी करते हुए अंबारा पश्चिम गांव निवासी मोहित सिंह और अयोध्या जनपद के बैजू का पुरवा गांव निवासी सुनील यादव को गिरफ्तार किया। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि यह गिरोह रायबरेली-फतेहपुर मार्ग पर चलने वाले करीब 114 ट्रकों से हर माह 5,000 रुपये प्रति ट्रक वसूलता था।

इस रकम में से 500 रुपये प्रति ट्रक दलालों को कमीशन के तौर पर मिलते थे। एसटीएफ इंस्पेक्टर अमित तिवारी ने बताया कि मामले में एआरटीओ (प्रवर्तन) अंबुज, पीटीओ रेहाना बानो, उनके दीवान और ड्राइवर, साथ ही फतेहपुर परिवहन विभाग के पांच कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

गिरफ्तार दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए लखनऊ मुख्यालय ले जाया गया है, जहां उनसे वसूली नेटवर्क से जुड़ी कड़ियां जोड़ी जा रही हैं।सूत्रों के मुताबिक यह गिरोह लंबे समय से संगठित तरीके से अवैध वसूली का नेटवर्क चला रहा था, जिसमें विभागीय मिलीभगत के प्रमाण भी मिले हैं। वसूली का पैसा हर स्तर पर बंटता था — निचले स्तर के कर्मचारियों से लेकर अफसरों तक।

एसटीएफ के इस खुलासे से परिवहन विभाग में मचा हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद रायबरेली और फतेहपुर दोनों जिलों के परिवहन विभागों में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्र बताते हैं कि विभागीय अधिकारी अब मामले को दबाने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन एसटीएफ की जांच टीम ने पूरे रैकेट से जुड़े खातों और ट्रांजेक्शन डिटेल्स भी अपने कब्जे में ले ली हैं।

लालगंज कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। “पूरे नेटवर्क की आर्थिक और प्रशासनिक कड़ियों की जांच की जा रही है, आगे और गिरफ्तारी संभव है।

लोगों ने कहा कि अभी तो यह मामला सिर्फ अवैध वसूली का नहीं, बल्कि सिस्टम में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार का आईना है। बताते चले कि एसटीएफ की इस कार्रवाई ने न केवल ट्रक ड्राइवरों को राहत दी है, बल्कि परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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