रायबरेली: पशुपालकों को वैज्ञानिक पद्धति से पशुपालन के लिए प्रोत्साहित करने तथा पशुओं के आहार में खनिज लवणों के महत्व के प्रति जागरूक करने हेतु कृषि विज्ञान केंद्र, रायबरेली द्वितीय के प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आर पी एन सिंह के निर्देशानुसार दिनांक 16 अक्टूबर 2025 को डलमऊ विकास खण्ड के बहेरिया स्थित डॉ रामाधीन सिंह इण्टर कालेज में एक दिवसीय किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र के विभिन्न गाँवों से आए किसानों और पशुपालकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि रायबरेली के जाने माने पशु चिकित्सक डॉ अंकुर वर्मा द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि अधिकतर पशुपालक खनिज लवणों के महत्व को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे दूध उत्पादन, प्रजनन क्षमता एवं पशु स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
गोष्ठी में उपस्थित पशुपालन एवं पशु चिकित्सा वैज्ञानिक डॉ देवेश सिंह ने खनिज लवणों जैसे – कैल्शियम, फॉस्फोरस, सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, सल्फर, आयोडीन, जिंक, कोबाल्ट, सेलेनियम आदि की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि इन तत्वों की कमी से पशुओं में कमजोरी, बाँझपन, हड्डियों की कमजोरी, थनैला, दुग्ध उत्पादन में गिरावट जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
डॉ सिंह ने बताया कि खनिज मिश्रण (Mineral Mixture) की उपयुक्त मात्रा को प्रतिदिन पशुओं के चारे में मिलाकर देने से पशुओं की उत्पादकता में वृद्धि होती है और वे लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं। इसके साथ ही पशुओं को स्वच्छ पानी, संतुलित आहार एवं नियमित टीकाकरण की भी सलाह दी गई।
इसके अतिरिक्त प्रसार वैज्ञानिक डॉ अभिलाष सिंह मौर्य और डॉ सुंधाशु वर्मा के द्वारा पशु आहार योजना, हरे चारे की उन्नत शील प्रजातियां, दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने की तकनीक, व कृत्रिम गर्भाधान जैसी सुविधाओं की भी जानकारी दी गई। साथ ही चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के मुख्य प्रांगण में आगामी दिनांक 5 और 6 नवम्बर, 2025 को पोषक अनाज : समृद्ध किसान विषय पर आयोजित होने वाले दो दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी के बारे में भी जानकारी मुहैया कराई गई और किसानों को मेले में सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने पर भी विमर्श किया गया।
गोष्ठी के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें पशुपालकों ने अपने अनुभव साझा किए और विशेषज्ञों से समाधान प्राप्त किया। किसान श्री हरिभान सिंह ने बताया कि उन्होंने पिछले वर्ष से खनिज लवण देना शुरू किया है, जिससे उनके पशुओं के स्वास्थ्य और दूध उत्पादन में उल्लेखनीय सुधार आया है।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। पशुपालकों ने इस प्रकार की गोष्ठियों को ज्ञानवर्धक और उपयोगी बताया और भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों की माँग की।