शरद पूर्णिमा स्नान कल, तैयारियां पूरी
रायबरेली : आश्विन माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा के पवित्र आंचल में आस्था की डुबकी लगाते हैं। स्नान को देखते हुए बुधवार को नगर पंचायत की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई । डलमऊ बड़ा मठ के महामंड़लेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरि ने बताया कि धर्मग्रंथों के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है । मान्यता के अनुसार सरद पूर्णिमा के दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ महारास लीला रची थी।
शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा हमारी धरती के सबसे करीब होता है। इसलिए चंद्रमा के प्रकाश में मौजूद रासायनिक तत्व सीधे-सीधे पृथ्वी पर गिरते हैं। खाने-पीने के सामान को खुले आसमान के नीचे रखने से चंद्रमा की किरणे सीधे उन पर पड़ती हैं । मान्यता है कि सरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के सर्वोतम दिन माना जाता है । सरद पूर्णिमा की रात जागरण करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
कार्तिक पूर्णिमा मेले से पहले, प्रशासन की परीक्षा
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर दस से बारह लाख श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए आते हैं, शरद पूर्णिमा स्थानीय प्रशासन के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं है, इस पूर्णिमा पर भी बडी संख्या में श्रद्धालु डलमऊ में आकर गंगा स्नान करते हैं। हर माह स्नान पर्व पर जाम की समस्या से श्रद्धालुओं को जूझना पड़ता है।