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रायबरेली: सन्त निरंकारी आश्रम जगतपुर में सोमवार को सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बहन पूनम ने कहाकि निश्चल भाव से प्रभु की भक्ति करने पर दुनिया के सब सुख मिलते हैं। माया का रंग चढ़ते ही परिवर्तन का दौर शुरू हो जाता है। माया के अभिमान से बचना ही सच्ची भक्ति है।

अगर हमें सदा सुखी रहना है। तो गुरु की शरण में जाना होगा । परमात्मा से जुड़कर के हम अपने जीवन को सुखी और आन्नदित बना सकते हैं। हर व्यक्ति नाशवान वस्तु से प्यार करता है। जिसने दुनिया बनाई उसे भूल बैठा है। जिसकी वजह से जन्म मरण के बंधनों में उलझा रहता है। संत जन कहते हैं कि अगर सुख चाहिए तो परमात्मा की भक्ति करनी होगी ।

सच्चीभक्ति पर माया का रंग नहीं चढ़ता । धन का अहंकार नहीं करना चाहिए। सदाचारी व्यक्ति शांति भाव के साथ ही जीवन जीता है। हर कार्य ईश्वर को समर्पित करते हुए आगे बढ़ता चला जाता है। सिर्फ अपने आप को एक साधन समझ कर जीवन जीना है। परमात्मा हर व्यक्ति को अच्छे सुंदर अवसर देता है। भक्ति मय जीवन में समय साथ चलना हम सबका दायित्व है। लेकिन समय किसी का इंतजार नहीं करता। जिसने जीवन में समय को महत्व दिया। संसार में वही सबसे सुखी इंसान बना है।और जिसे जीवन में परमात्मा की याद करने का समय नहीं मिला। वह व्यक्ति अच्छे समय का इंतजार करता रह गया। जीवन की सांसें निश्चित है। इसलिए इनका मूल्य समझिए । यही कल्याण का मार्ग है।इस मौके पर बसन्त लाल , रतीपाल ,राज ,राम संजीवन ,दीपू उषा , वन्दना आदि मौजूद रही।

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