रायबरेली: डलमऊ में गंगा के किनारे संचालित मानव जीवन सुधार संघ संस्कृत महाविद्यालय के पीछे नवरात्र के बाद मूर्ति भू-विसर्जन कराया जाता है। महाविद्यालय के प्राचार्य उमाकांत अवस्थी का कहना है कि कई वर्षों से महाविद्यालय के पीछे नगर पंचायत द्वारा हर साल गहरा गड्ढा बनाकर उसी में देवी प्रतिमाओं के भू- विसर्जन की व्यवस्था कराई जाती है। यही कारण है कि महाविद्यालय के भवन में दरारें आने लगी हैं। कई बार तहसील व नगर पंचायत में प्रार्थना पत्र देकर भू विसर्जन का स्थान बदलने की मांग की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई।
प्राचार्य ने बताया कि यदि इस बार स्थान न बदला गया तो संस्कृत महाविद्यालय भवन गिर सकता है। प्राचार्य ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की गुहार लगाई है। नगर पंचायत के चेयरमैन का कहना है कि तहसील प्रशासन को पत्र भेजकर मूर्ति भू विसर्जन का स्थान बदलने की मांग की गई है।
