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रायबरेली: पहाड़ी क्षेत्रों में हाे रही बारिश के कारण गंगा उफान पर हैं। कटरी में बसे तीन गांव जलमग्न हो गए हैं। दो गांवाें का संपर्क टूट गया है। इन गांवों के लोगों को पानी से होकर आना जाना पड़ रहा है। प्रशासन ने लोगों को सचेत रहने और घर में पानी पहुंचते ही राहत शिविरों में जाने की अपील की है। रविवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 99.360 मीटर के सापेक्ष 99.090 दर्ज किया गया। केंद्रीय जल आयोग कार्यालय के अनुसार पानी चार घंटे में एक सेंटीमीटर की गति बढ़ रहा है। सोमवार को खतरे के निशान पर पहुंच गया।

राहत शिविर में लाइट न लेटने की व्यवस्था

गृहस्थी बचाने के लिए ग्रामीण जद्दोजहद कर रहे हैं। घर में पानी भर गया तो एसडीएम ने लोगों को राहत शिविर में जाने के लिए कहा, लेकिन राहत शिविर में लोगों के रुकने के लिए तंबू लगाया गया है और न अस्थायी शौचालय की व्यवस्था की गई है। राहत शिविर में प्रकाश के लिए कोई व्यवस्था की गई है और न सुरक्षा के कोई इंतजाम। लोग शिविर में कैसे रहेंगे इसका भी ख्याल नहीं रखा गया। बाढ़ निगरानी चौकी एक किलोमीटर दूर बनाई गई है। यहां भी कर्मचारियों के रुकने के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। प्रशासन की लापरवाही को लेकर ग्रामीणों में रोष है।

– प्रभावित क्षेत्रों में शिविर लगाए जा रहे हैं। प्रभावित लोगों को आश्रय और भोजन आदि सामग्री समय से उपलब्ध कराने के लिए संबंधित को निर्देशित कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है। विद्युत और संचार सेवाओं को बहाल करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

अमृता सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व

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