हमलावर बंदरों के झुंड से दहशत में सहमे लोग, जिम्मेदार मौन

हमलावर बंदरों के झुंड से दहशत में सहमे लोग, जिम्मेदार मौन

ऊंचाहार, रायबरेली: कस्बा से लेकर ग्रामीण क्षेत्र बंदरों के झुंड आतंक का पर्याय बन गया है। यह कब किस पर हमला कर दें, कहा नहीं जा सकता है। इनके हमलों से लगातार लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं। नतीजा बंदरों को देखते ही लोग डर के कारण सहम जाते हैं। नगर पंचायत से लेकर वन विभाग व स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदारों से लोग कई बार शिकायत कर चुके हैं। लेकिन आश्वासन के अलावा इनसे मुक्ति दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। ‌ यही वजह है कि कस्बा से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोग बंदरों के झुंड से परेशान हैं। और जिम्मेदारों की ओर आशा भरी निगाहों से मुक्ति की राह देख रहे हैं।

कस्बा में बंदरों का उत्पादन दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। सड़कों, घरों, सरकारी कार्यालयों यहां तक कि कोतवाली में बंदर उत्पाद मचाते रहते हैं। यह न केवल संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि कई लोगों को भी घायल कर चुके हैं। बंदरों के डर से महिलाओं ने छतों पर जाना बंद कर दिया है। कई बार इनके हमले का शिकार हो चुके छोटे बच्चे अकेले गलियों में खेलने से कतराने लगे हैं।
कस्बा के गायत्री नगर निवासी जेके जायसवाल, उमेश कुमार, अतीस कुमार, शैलेंद्र पांडेय, राहुल त्रिपाठी, आदित्य साहू, रितेश साहू, सतीश चंद्र, राम प्रकाश, आलोक कुमार आदि का कहना है कि बंदरों के झुंड अचानक हमला कर देते हैं। इनकी वजह से फल व खान-पान का सामान बेचने वाले दुकानदार, चार पहिया वाहन मालिक सहित अन्य लोग परेशान हैं। कस्बे में सब्जी व फल का ठेला लगाने वाले राजेश कुमार, अंकित, सुरेश कुमार का कहना है कि नजर हटते ही बंदरों का झुंड सामान लेकर चंपत हो जाते हैं। बताया कि बंदरों के झुंड से होने वाले आर्थिक नुकसान को बचाने के लिए अपने-अपने घरों के आंगन में लोहे की जाली लगवानी पड़ रही है। चार पहिया को बचाने के लिए कंटीली झाड़ियां रखनी पड़ रही हैं। इसके बाद भी आए दिन वाहनों को दुर्घटना ग्रस्त करते रहते हैं।
कस्बा निवासी ग्रहणी रामकली, प्रेमा देवी, उमा, सपना, सुनीता आदि का कहना है कि घरों की छत पर कपड़े सुखाने के लिए फैलाने के बाद निगरानी करनी पड़ती है। नजर हटते ही या फिर कोई काम करने में लग जाने पर बंदर कपड़े लेकर भाग जाते हैं, या फिर उन्हें फाड़ देते हैं। इन्हें पकड़कर सुरक्षित स्थान पर भेजने को लेकर कई बार नगर पंचायत से लेकर स्थानीय प्रशासन मांग की गई है। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
लोगों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के कारण बंदरों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि कृष्ण चंद्र जायसवाल ने बताया बंदरों को पकड़ने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया गया है। जल्द ही इन्हें पकड़वाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा।

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