नीरज शुक्ल
रायबरेली। मातृभूमि सेवा मिशन रायबरेली इकाई के संयोजक प्रदीप पांडेय के यशस्वी, तेजस्वी एवं संस्कारवान सुपुत्र वर्षिल पांडेय (राघव पांडेय) का आठवां जन्मोत्सव सोमवार को मुंशीगंज के ऐतिहासिक स्थल शहीद स्मारक स्थल पर पीपल के वृक्ष के नीचे स्थित श्री संकट मोचन धाम में श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर हनुमान भक्तों योग साधकों की भारी भीड़ उमड़ी रही। प्रातः सात बजे कार्यक्रम का शुभारंभ राघव पांडेय द्वारा संकट मोचन मंदिर में माथा टेकने और 21 दीप प्रज्वलित करने के साथ हुआ। इसके उपरांत प्रो. (डॉ.) संजय सिंह ने सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ और आरती किया। पूरे प्रांगण में “जय हनुमान ज्ञान गुन सागर” के उद्घोष से भक्ति की गूंज फैल गई।
आरती उपरांत प्रसाद स्वरूप फल और लड्डू का वितरण किया गया। योग साधकों उपस्थित श्रद्धालुओं ने राघव पांडेय को मालपहनाकर पुष्पवर्षा कर जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। भक्ति, सेवा और संस्कारों के संगम से कार्यक्रम का वातावरण आध्यात्मिक आनंद में परिवर्तित हो गया।
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण आठ वर्षीय बालक राघव पांडेय द्वारा किया गया वृक्षारोपण रहा। उन्होंने अपने जन्मोत्सव को प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण को समर्पित करते हुए पौधारोपण किया। उपस्थित साधकों ने इसे एक प्रेरणादायक और संस्कारपूर्ण उदाहरण बताया।
आयोजन मातृभूमि सेवा मिशन की उस परंपरा का अनुपम उदाहरण बना, जिसमें प्रत्येक साधक का जन्मोत्सव दीपदान, प्रसाद वितरण और वृक्षारोपण के साथ संस्कार और सेवा के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम ने अध्यात्म, योग और राष्ट्रसेवा के भावों को एक सूत्र में पिरोते हुए समाज में सकारात्मक संदेश दिया।
इस अवसर पर मातृभूमि सेवा मिशन इकाई रायबरेली के वरिष्ठ संरक्षक एवं समाजसेवी महेंद्र अग्रवाल, उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ मिश्रा, योग प्रशिक्षिका श्रीमती शशिकला सिंह, योग प्रशिक्षिका श्रीमती सोनम गुप्ता, योग प्रशिक्षक राज अग्रहरि सहित बड़ी संख्या में योग साधकों में इकाई के मंडल अध्यक्ष भगवत प्रताप सिंह, दिनेश पांडेय, राकेश यादव, संदीप यादव, दादा कल्लू राम अग्रहरि, अनुज , प्रकाश, सत्येंद्र कुमार, केके वर्मा पुत्तू वर्मा, श्रीमती रेनू मिश्रा, आरती, श्रीमती माया, श्रीमती रश्मि पांडेय आदि ने सामूहिक रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम मातृभूमि सेवा मिशन रायबरेली इकाई के संरक्षक महेंद्र अग्रवाल के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। दीपदान, आरती, हनुमान चालीसा और वृक्षारोपण से संकट मोचन धाम का प्रांगण भक्ति और आनंद से आलोकित हो उठा।
