माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के मकड़ जाल में फंसी महिलाएं

रायबरेली: अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसियेशन (ऐपवा ) के आह्वान पर समूह के नाम पर माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के द्वारा महाजनी कर्ज और व्याज के मकड़ जाल में फंसी महिलाओं, उनके परिवारों को वसूली एजेंटों की मनमानी और गुंडागर्दी से बचाने और उनकी मर्यादा और जीवन की सुरक्षा किए जाने की मांग को लेकर विकास भवन में महिलाओं ने धरना दिया।
बाद में जुलूस निकालकर जिलाधिकारी पहुंचकर प्रदर्शन किया गया।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए ऐपवा की जिला संयोजक गायत्री ने कहा कि ग्रामीण और शहरी गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय महिलाओ को राष्ट्रीय जीविका मिशन और कुछ निजी कंपनियों ने समूह के नाम पर लघु ऋणो के मकड़जाल में फंसा दिया है, जिनकी महाजनी वसूली का तरीका और भारी व्याज दर उनके लिए बहुत बड़ा संकट बन गया है, परिवार तबाह और बर्बाद हो रहे हैं, और भय ,अपमान और अभाव के कारण लाखों परिवार आत्म हत्या के लिए विवश हैं ।

उन्होंने कहा कि ऋणो मे दी जाने वाली रकम से लघु व्यवसाय लम्बे समय तक कोविड के प्रभाव , चीजों के बढ़ते दाम के कारण टिक नहीं सके , इन माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने अपने पुराने ऋणों को बेबाक करने के लिए उनको नए ऋण देकर कर्ज से कर्ज की अदायगी के गड्डे में धकेल दिया, यही सिलसिला लगातार जारी है, और इन ऋणो से ग्रस्त महिलाओ में किसी एक के पास भी कोई व्यवसाय नही है।

भाकपा माले जिला सचिव उदय भान पटेल ने कहा की इन माइक्रो फाइनेंस कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले ऋण, बीमा और दी जाने वाली किश्तों का कोई दस्तावेज नही दिया जाता । गांव में अधिकांश लोगो ने इन माइक्रो फाइनेंस कंपनियों से ली गई रकम का दोगुना से ज्यादा भुगतान दे दिया है,फिर भी जोर जबरदस्ती जारी है। यह सब अपने ऋणो की अदायगी के लिए अपने जेवर घर ,घूर ,बर्तन तक बेच चुकी हैं। और बहुत भयावह और कष्टप्रद जिंदगी जीने को विवश हैं। इन कंपनियों द्वारा कभी कोई पावती रशीद नही दी जाती, और बहुत क्रूरता पूर्वक अमानवीय तरीके से वसूली में डराना धमकाना, गाली गलौज, दुर्व्यवहार किया जाता है। इस प्रशासन ने अगर तुरंत हस्तक्षेप कर रोक न लगाई गई तो बड़ी लड़ाई के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

किसान महासभा जिलाध्यक्ष फूल चंद्र मौर्या ने कहा की फाइनेंस कंपनियों के एजेंट अपने साथ अन्य लोगो के साथ आकर घरों में घुसकर गाली गलौज करते हुए महिलाओ के साथ अभद्रता और अश्लील व्यवहार कर जबरन वसूली के लिए धमकाते रात 10_11 बजे तक गांवों में गाली गलौज करते हुए आतंक फैलाते हैं। सदर तहसील के गांव कुचरिया में अगस्त में एजेंटों द्वारा ऐसी ही घटना को अंजाम दिया गया थे। उस समय भी इनसे बचाने की गुहार लगाई गई थी। बेला भेला ग्राम सभा के भी दर्जनों परिवार इनके आतंक से पलायन कर चुके हैं।

इनकी जोर जबरदस्ती और गुंडागर्दी से पीड़ित महिलाओं और परिवारों को बचाने के लिए तत्काल उचित कार्यवाही करने की कृपा करें। इन वसूली एजेंटो और इनके साथ गांव में आने वाले असामाजिक तत्वों द्वारा गांव की महिलाओं और परिजनों को गंभीर खतरा है। इसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

इनकी जोर जबरदस्ती और गुंडागर्दी से पीड़ित महिलाओं और परिवारों को बचाने के लिए तत्काल उचित कार्यवाही करने की मांग का जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया।

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