न्यूज डेस्क,रायबरेली। जरूरतमंद पेंशन के लिए लगातार कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। वहीं अधिकारी कभी केवाइसी तो कभी आधार कार्ड संशोधित कराने की बात कहकर उन्हें दौड़ा रहे हैं। दूसरी ओर मृतक के बैंक खाते में दो साल से पेंशन भी भेजी जा रही है।समाज कल्याण की ओर से पेंशन सत्यापन का कार्य भी बखूबी कराया जाता है। लेकिन जांच अधिकारियों ने मौत के बाद भी लोगों को जीवित दिखा कर रिपोर्ट दे दी है। समाज कल्याण विभाग भी ऐसे मामलों को लेकर चुप्पी साधे हुए है। मामले की शिकायत डीएम से की गई है।
डीह के बहुतई ग्राम पंचायत निवासी राजेश कुमार ने डीएम को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि गांव के दयाराम की मौत दो वर्ष पहले हो गई है। लेकिन लगातार समाज कल्याण विभाग मृतक के खाते में पेंशन भेज रहा है। बीते 11 सितंबर को भी पैसा खाते में भेजा गया है। मृतक के खाते में पेंशन जारी होने पर लोगों में रोष हैं। मामले को लेकर विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। इसी ग्रामपंचायत के नसीराबाद भुल्लर निवासी देवकली को कागज पर मृत दिखाकर पेंशन रोक दी गई है। ग्रामीण राजेश का आरोप है कि ग्राम प्रधान के पिता दयाराम की मृत्यु दो साल पहले हो गई है। लेकिन लगातार पेंशन उनके खाते में जा रही है। फर्जी तरीके से दस्तावेज में दिखाया गया मृतक बुजुर्ग देवकली ने एक सप्ताह पहले जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी पर आरोप लगाते हुए बताया कि फर्जी तरीके से उसे दस्तावेज में 15 अक्टूबर 1990 को मृतक दिखा दिया।
इसके बाद 26 अप्रैल 2024 को महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है। वहीं देवकली ने बताया कि उसको इस बात की जानकारी हुई, तो उसके होश उड़ गए। बुजुर्ग महिला छह माह से जीवित होने का प्रमाण देने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही है।मामले पर मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय ने टीम गठित जांच के आदेश दिए हैं। महिला को मृतक दिखाने के मामले की जांच आख्या आती उससे पहले मृतक को पेंशन देने का एक और मामला इसी ग्राम पंचायत से प्रकाश में आ गया है।