रायबरेली: गंगा के किनारे 1952 से संचालित संस्कृत महाविद्यालय भवन को संरक्षित कराने के लिए प्राचार्य उमाकांत अवस्थी ने डीएम से गुहार लगाई है। प्राचार्य ने डीएम हर्षिता माथुर को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि डलमऊ एसडीएम अभिषेक व नगर पंचायत के कर्मचारी कई वर्षों से महाविद्यालय भवन के पीछे दुर्गा प्रतिमा व भगवान गणेश की मूर्ति का भू विसर्जन कराने के लिए गहरा गड्ढ़ा बनावा देते हैं।
गड्ढ़ा खोदने की वजह से महाविद्यालय के भवन में दरारें आने लगी हैं। डीएम ने जांच कराने व कार्रवाई का आश्वासन दिया है। महाविद्यालय के प्राचार्य उमांकांत अवस्थी का कहना है कि इसी तरह हर साल गड्डा बनाया जाता रहा तो जल्द ही भवन जमींदोज हाे जाएगा।