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वाहनों से हर माह 10 करोड़ से अधिक रुपये की होती थी वसूली
न्यूज़ नेटवर्क
रायबरेली। मौरंग लदे ओवर लोड ट्रकों से अवैध वसूली का खेल क्षेत्र में खुलेआम चल रहा है। लालगंज से गुजरने वाले मार्गों पर अब यह कारोबार संगठित रूप ले चुका है। सूत्रों के अनुसार करीब दो दर्जन से अधिक दलाल इस नेटवर्क में सक्रिय हैं।
यही दलाल फतेहपुर, बांदा, महेवा, चिल्लाघाट की खदानों से लेकर लखनऊ, हैदरगढ़, सुल्तानपुर और बाराबंकी तक ट्रकों को आरटीओ-सेफ रूट दिलाते हैं। ट्रक चालकों और कारोबारियों के मुताबिक प्रति चक्कर ट्रक तीन से पांच सौ रुपये तक वसूले जाते हैं। इतना ही नहीं आरटीओ की सेफ लिस्ट में गाड़ी नंबर जोड़वाने के लिए पांच से सात हजार रुपये तक देना पड़ता है।
यह भुगतान या तो मासिक या प्रति चककर के आधार पर तय होता है। जिन वाहनों की एंट्री दलालों की लिस्ट में होती है उन्हें आरटीओ नहीं रोकती है। ट्रक चालकों ने बताया कि आरटीओ की लोकेशन और रूट की जानकारी पहले से दलालों को मिल जाती है जो उसे ड्राइवरों तक पहुंचाते हैं।
हर महीने की एक से 10 तारीख के बीच दलालों के पास एंट्री शुल्क जमा कराया जाता है। जो चालक भुगतान नहीं कर पाते हैं उनके ट्रक को बाद में पकड़वाकर चालान करा दिया जाता है। इसके आलावा चालान से बचाने के साथ दलाल रास्ते में चालक को हर तरह की मदद भी देते हैं।
बांदा-बहराइच मार्ग पर लालगंज से रोजाना करीब ढाई से तीन हजार मौरंग लदे ट्रक गुजरते हैं। इस समय गेगासों गंगा पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण अधिकांश ट्रक फतेहपुर वाया डलमऊ होकर जा रहे हैं। पहले इस मार्ग पर दो सड़का से लेकर गेगासों तक आरटीओ की टीमों की नियमित चेकिंग रहती थीं। लेकिन दलालों के नेटवर्क की वजह से ज्यादातर ओवरलोड ट्रक आसानी से पार हो जाते थे। जानकार बताते हैं कि वाहनों से हर माह 10 करोड़ से अधिक की वसूली की जाती थी।