रायबरेली:
लालगंज तहसील परिसर में मंगलवार को उस समय हंगामे की स्थिति बन गई जब वकीलों के प्रस्ताव से नाराज वादकारी धरने पर बैठ गए। वकीलों के समझाने के बाद वादकारी माने और धरना समाप्त किया।

चिलौला गांव के संतोष कुमार पांडेय कई वर्षों से चल रहे एक मुकदमे की सुनवाई के लिए तहसील पहंचे, लेकिन एक बार फिर अ​धिवक्ताओं के प्रस्ताव के कारण सुनवाई नहीं हुई। इसी बात से नाराज होकर उन्होंने एसडीएम कोर्ट के सामने बरामदे में धरने पर बैठ गए। देखते ही देखते अन्य वादकारी भी उनके समर्थन में आ गए। उनका आरोप है कि हड़ताल तो कभी प्रस्तावों के चलते उनके मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पा रही है।

सरेनी से आए स्वतंत्र बहादुर सिंह का कहना है कि दाखिल खारिज का वाद 35 वर्षों से लंबित है, लेकिन हर बार अगली तारीख दे दी जाती है। शिवहर्ष सिंह ने कहा कि जमीन विवाद का मुकदमा पहले एसडीएम कोर्ट में सात साल चला, फिर कमिश्नरी में पांच साल और अब फिर वही वाद तहसील में चल रहा है।

सराय बहेरिया खेड़ा के वंश बहादुर सिंह, गौरा रुपई के बृजेंद्र कुमार, सोमवंशी खेड़ा के तेजबहादुर सिंह, उमरापुर के अनिल शुक्ल ने भी नाराजगी व्यक्त की है। हालांकि थोड़ी देर बाद अधिवक्ताओं ने वादकारियों को समझाकर शांत करा दिया। वादकारियों ने अ​धिकारियों से मांग की कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे मुकदमों का जल्द निस्तारण हो।