रायबरेली : करीब चार वर्ष पहले शासन से अमृत योजना के तहत 178 करोड़ रुपये से सीवर लाइन डालने व सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की स्वीकृति दी गई। शहर में सीवर लाइन डालने का काम करने वाली कंपनी की मनमानी से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर सदर विधायक अदिति सिंह ने शासन में योजना के तहत चल रहे काम में लापरवाही की शिकायत की थी।
विधायक की शिकायत पर गुरुवार को प्रमुख सचिव मनोज कुमार ने एसटीपी व अमृत योजना के तहत चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया। प्रमुख सचिव को जांच में विधायक की शिकायत सही मिली। जिसपर उन्होंने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कार्यदायी संस्था केके स्पन को काली सूची में डालने और बचे हुए काम को दूसरी फर्म से कराने के निर्देश दिए। निरीक्षण के बाद प्रमुख सचिव ने कहा कि शिकायत सही मिली है।
178 करोड़ के सापेक्ष अभी तक 80 करोड़ का भुगतान किया गया है। काम में लापरवाही करने वाली फर्म को ब्लैक लिस्ट में डालने और बचे धन से शेष काम को पूरा कराने के लिए कहा गया है। निरीक्षण के दौरान सदर विधायक अदिति सिंह, जिलाधिकारी हर्षिता माथुर, मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी स्वर्ण सिंह, जल निगम के अधिशासी अभियंता देवेंद्र कुमार मौजूद रहे।
खराब हैं शहर की सड़कें
सीवर लाइन डालने के लिए फर्म ने सड़कों की खोदाई तो की, लेकिन बनाने में रुचि नहीं दिखाई। इसी वजह से बारिश के दौरान लोगों को घर से निकलने में परेशानी हुई। पानी का निकास न होने से लोगों के घरों में पानी घुस गया। ऐसा नहीं कि लोगों ने शिकायत नहीं की। लिखित शिकायत के बावजूद किसी ने ध्यान नहीं दिया। प्रमुख सचिव की ओर से फर्म पर की गई कार्रवाई पर लोगों ने सदर विधायक को धन्यवाद ज्ञापित किया।