नीरज शुक्ला
न्यूज़ डेस्क।
वायु प्रदूषण का बड़ा कारण पराली व अनय फसल अपशिष्ट जलाना माना जा रहा है। इस पर अंकुश लगाने के लिए तमाम अभियान चलाए गए। सख्ती की गई, पर पूरी तरह से रोकथाम नहीं हो पा रही। जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने इस बार पराली जलाने वाले किसानों से सरकारी खरीद न करने का निर्णय लिया है। संबंधित की गन्ना पर्ची निरस्त करने के साथ ही सरकार की ओर से मिल रहे योजनाओं के लाभ भी रोक दिए जाएंगे।
सेटेलाइट से रायबरेली जनपद में चार मामले प्रकाश में आए हैं। जांच में पता चला कि महाराजगंज तहसील में दो किसान को पराली जलाने के लिए दोषी पाए गए हैं। दो अन्य मामले अमेठी जनपद के बताए जा रहे हैं। इन सभी किसानों पर कार्यवाही की तैयारी है।
प्रशासन की ओर से किसानों को जागरूक किया जा रहा है और पराली ना जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा। गांव गांव जाकर किसानों से पराली न जलाने की अपील की जा रही है।
