नागेश त्रिवेदी, रायबरेली: सन्त निरंकारी आश्रम जगतपुर में शनिवार को सत्संग कार्यक्रम आयोजन किया गया। सत्संग वक्ता श्याम प्यारे ने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए कहा।
सतगुरु राम नाम रुपी धन से संसार को सुखी और आनंदित करता है। भक्ति ही वह साधन है जिससे इस चंचल मन को शान्त किया जा सकता है। राम नाम ही सारे सुखों का आधार है। ईश्वर की भक्ति को छोड़कर संसार में दूसरा कोई मार्ग नहीं है। जो हृदय की पीड़ा को शांत कर सके।
राम नाम ही अवलंब है। जिस प्रकार बारिश की बूंद का सहारा लेकर कोई आकाश तक नहीं पहुंच सकता ।उसी प्रकार इस संसार का कोई भी व्यक्ति किसी भी वस्तु का सहारा लेकर इस जन्म मरण के बंधन से मुक्ति नहीं पा सकता ।केवल राम नाम ही परमार्थ का मार्ग है। संत महापुरुषों द्वारा सत्संग के माध्यम से यही संदेश दिया जाता है, कि परमात्मा जानने योग्य है और इसे सद्गुरु की कृपा से जाना जा सकता है। भक्ति भाव से भजन करने पर राम नाम हम सबके हृदय में स्वत ही प्रकट हो जाता है। जीवन में पल-पल इसका एहसास बना रहना चाहिए ।इस मौके पर बसन्त लाल, रती पाल, सुनील कुमार, राम लखन, राम संजीवन, वंदना, ऊषा देवी आदि मौजूद रही।