ऊंचाहार: फसलों की सिंचाई को लेकर किसानों की किल्लत कम होती नजर नहीं आ रही है। जहां क्षेत्र नहरें झाड़ियों व सिल्ट से पटी हैं, वहीं गंगा कटरी क्षेत्र के लगभग छह राजकीय नलकूप रिबोर, बिजली और यांत्रिक दोष के चलते संचालित नहीं हो पा रहे हैं। समस्या को लेकर किसानों द्वारा समाधान दिवस से लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में किसान निजी नलकूपों से महंगे दामों पर फसलों की सिंचाई को मजबूर हैं।
गंगा कटरी क्षेत्र का जलस्तर घटने के कारण पिछले दो दशक से यहां चार नंबर हैंडपंप व इंजन संचालित पंप सेट, नलकूप आदि काम नहीं करते हैं। सिंचाई के अभाव में किसानों की जमीनें बंजर होती जा रही थी। समस्या को देखते हुए किसानों की मांग के बाद शासन द्वारा गहरी बोरिंग वाले राजकीय नलकूपों की स्थापना कराई थी। पानी मिला तो अन्नदाताओं के खेत हरियाली से भर उठे, कुछ दिन तक तो सब कुछ ठीक-ठाक रहा। लेकिन पिछले पांच सालों से अधिक समय से बरसवां, पूरे चूर, कोटिया चित्रा गांव के पश्चिमी व पूर्वी छोर समेत छेदी का पुरवा गांव के पास लगे नलकूप सालों से खराब हैं।
गांव निवासी ग्राम प्रधान नारेंद्र यादव, किसान धीरज सिंह, सुरेंद्र प्रताप सिंह, रमाकांत तिवारी, राजेश कुमार, रज्जन दुबे, लल्लू यादव, सुमित, अरविंद सिंह, मोहित सिंह आदि का कहना है कि इन नलकूपों की बदौलत लगभग सौ बीघे जमीन की सिंचाई होती थी। नलकूप खराब होने की वजह से कुछ किसान तो निजी नलकूपों से महंगे दामों पर खेतों की सिंचाई कर रहे हैं। लेकिन काफी किसानों की जमीन पानी के अभाव में खाली पड़ी रहती है। खेतों में पानी की कमी के कारण मिट्टी की गुणवत्ता पर भी असर पड़ने लगा है। वहीं पचखरा गांव के पास लगा राजकीय नलकूप भी यांत्रिक दोष के चलते पिछले कई महीनो से बंद है। किसान राधेश्याम, राम शंकर, राजेश कुमार, अमित कुमार, देव कुमार, कल्लू, गोलू ओझा आदि का कहना है कि आपरेटर की कमी से यह नलकूप प्रायः खराब रहता है, ऐसे में निजी नलकूपों से महंगे दामों पर फसलों की सिंचाई करनी पड़ती है।
नलकूपों की खराबी और पानी की कमी ने किसानों को कठिन परिस्थिति में डाल दिया है। यदि समय रहते ध्यान ना दिया गया तो रबी फसलों की पैदावार पर गंभीर असर का सकता है। सिंचाई विभाग नलकूप के सहायक अभियंता अंकित शुक्ल ने बताया कि यांत्रिक दोष वाले नलकूपों को जल्द चालू कराया जाएगा। साथ ही कोटिया चित्रा गांव के पास वाले नलकूप का रिबोर कराया जाना प्रस्तावित है। बजट आते ही नई बोरिंग करा कर इस नलकूप को भी संचालित किया जाएगा।