रायबरेली: तहसील में तैनात लेखपाल द्वारा मृतक के नाम फर्जी अनुमति पत्र बनाने के मामले में एसडीएम ने क्षेत्रीय लेखपाल आलोक अवस्थी को निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय जांच शुरू कराई है।
गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण करा रही एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने क्षेत्र के गैर आबाद गांव शाहाबाद के कमोली गांव निवासी रमेश व उनके मृतक भाई भूपेंद्र सिंह के नाम मिट्टी खनन के लिए अनुमति पत्र का आवेदन किया था। भूपेंद्र सिंह के मृतक होने के बावजूद भी क्षेत्रीय लेखपाल आलोक अवस्थी ने 16 करोड़ 64 लाख 62 हजार घन मीटर मिट्टी खनन की संस्तुति की रिपोर्ट लगा दी। मामला संज्ञान में आने के बाद एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी द्वारा खतौनी का मिलान कराई गई। जिस पर क्षेत्रीय लेखपाल की करतूत सामने आई है। इसके बाद एसडीएम द्वारा तहसीलदार से मामले की जांच कर आख्या रिपोर्ट मांगी गई। मामला सही पाए जाने पर गुरुवार को एसडीएम ने लेखपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए तहसील स्थित कार्यालय से संबद्ध किया है।
एसडीएम सिद्धार्थ चौधरी ने बताया कि गलत रिपोर्ट लगाने के मामले में लेखपाल को निलंबित करते हुए जांच नायब तहसीलदार को जांच दी गई है।