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    भीख विद्यालय में शिक्षक छीन रहे बच्चों का निवाला, रजिस्टर में हस्ताक्षर कर नदारद रहते शिक्षक

    News Desk

    ByNews Desk

    Oct 21, 2024
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    मोहम्मद इसराइल ऊंचाहार रायबरेली
    ऊंचाहार, रायबरेली। प्राथमिक स्तर के विद्यालय में छात्रों की शिक्षा और एमडीएम पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। शासन की मंशा को प्रधानाध्यापक ही पलीता लगा रहे हैं। छात्रों के खाने में घोटाला किया जा रहा है। सोमवार को सोयाबीन की सब्जी और रोटी चावल देना प्रस्तावित है। लेकिन नदारद प्रधानाध्यापक ने मानक से इतर मात्र सब्जी चावल ही बनवाई आटे के अभाव में नौनिहाल छात्रों के मुंह से रोटी का निवाला छीना जा रहा है। जिसको लेकर अभिभावकों में शिक्षक के प्रति आक्रोश व्याप्त है।

    जगतपुर विकास क्षेत्र के पूरे भीख निवासी अभिभावक रमेश कुमार, सुधीर, शिव मोहन, बीरेंद्र सिंह का आरोप है कि प्राथमिक विद्यालय का है। इस विद्यालय में प्रधानाध्यापक हृदेश कुमार सिंह आए दिन विद्यालय से नदारद रहते हैं। सोमवार को किए गए पड़ताल में भी पूरे भीख प्राथमिक विद्यालय से प्रधानाध्यापक हे हृदेश कुमार सिंह नदारद रहे। छात्रों के लिए बन रहे एमडीएम में सोयाबीन की सब्जी और चावल की जगह आलू बैंगन और मात्र चावल ही बनवा कर छात्रों को दिया गया।
    प्रधानाध्यापक द्वारा छात्रों के मुंह से रोटी का निवाला छीन लिया गया। बताते हैं कि प्रधानाध्यापक के नदारद रहने और बच्चों के खाने घोटाले का यह सिलसिला कई वर्षों से लागतार जारी है। बड़ी बात यह है कि नदारद प्रधानाध्यापक हृदेश कुमार सिंह तकरीबन बीस वर्षों से अधिक के समय से इसी विद्यालय में तैनात हैं। विभाग के अधिकारियों से अच्छी सेटिंग और कमाऊ पूत होने के चलते ज़िम्मेदार अधिकारी भी इसे आशीष देते हैं। छात्रों के मुंह से रोटी का निवाला छीनना गम्भीर विषय है। जानकारों की मानें तो प्रधानाध्यापक हृदेश सिंह विद्यालय में उपस्थिति दर्ज करने जाते हैं। उसके बाद वह नदारद हो जाते हैं।
    जिससे अभिलेखों में तो वह पूरे दिन विद्यालय में रहते हैं किन्तु हकीकत में वह विद्यालय से नदारद रहते हैं। गाँव के महेश यदाव, सीमा, गणेश चौधरी, राधे चौधरी, धर्मेश कुमार, रामसजीवन समेत करीब एक दर्जन से अधिक ग्रामीणों ने बताया कि पूरे भीख प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक का शराब के नशे में विद्यालय जाना और उपस्थिति दर्ज कराकर चले जाना, लापरवाही, उनका नियमित रूप से विद्यालय न आना, रख रखाव, ठीक से पढ़ाई न करना आदि से परेशान होकर अपने अपने बच्चों को गाँव से करीब पांच किलो मीटर दूर मनोहरगंज के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने के लिए भेजते हैं।
    सहायक अध्यापिका किरण रावत ने बताया कि विद्यालय में मात्र 58 विद्यार्थी दर्ज हैं जबकि सोमवार को चालिस विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज की गई है। विगत वर्ष छात्रों की संख्या 69 रही पिछले वर्ष की अपेक्षा इस छात्रों के प्रवेश में कमी आई है। अभिभावक गैर सरकारी विद्यालय की ज्यादा रुख कर रहे हैं। इसलिए छात्रों के प्रवेश में कमी है।
    पूरे मामले में खण्ड शिक्षा अधिकारी अरविन्द सिंह मामले में गम्भीर होने की जगह वह प्रधानाध्यापक का पक्ष लेते हुए उन्होंने बताया कि सोयाबीन की सब्जी के स्थान पर कोई भी सब्जी बनवाई जा सकती है। आटा नहीं था तो प्रधानाध्यापक को समय से आटे का प्रबंधन करने के लिए निर्देशित किया गया है।

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