बिहार में भी नहीं बिक रहा रायबरेली का आलू
सशक्त न्यूज नेटवर्क
रायबरेली के सलोन बाजार में नए आलू आने के कारण कोल्ड स्टोर के पुराने लाल आलू की मांग कम हो गई है। हालत यह है कि किसानों को लागत निकालने में परेशानी हो रही है। कई कोल्ड स्टोर लगभग खाली हो चुके हैं या चार पांच हजार बोरी ही बचा है।
कई कोल्ड ऐसे भी हैं जिनमें 20 से 30 हजार बोरी आलू बचा है। कोल्ड स्टोर संचालक किराया लेकर आलू देने को मजबूर हैं। आढ़तियों का कहना है कि यहां से आलू को बिहार भेजा जाता है। वहां भी रेट बहुत कम मिल रहा है। इस कारण पुराने आलू की खरीद बंद है।
सलोन का लाल आलू बिहार से लेकर नेपाल तक जाता है। इस बार आलू के दाम इतने कम हो गए हैं कि किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। हाल यह है कि पुराने आलू के खरीदार नहीं हैं। कोई भी पुराना आलू नहीं खरीद रहा है। इस कारण किसानों के लिए यह आलू माटी मोल हो गया है।
किसान राकेश कुमार व कृष्णकांत ने बताया कि पिछले वर्ष आलू का रेट 1200 रुपये प्रति क्विंटल से 1500 रुपये प्रति क्विंटल था। जबकि इस समय आलू का कोई भाव नहीं है। आढ़तियों कहना है कि यहां से बिहार आलू भेजा जा रहा है।
उसके बाद बाजार के भाव के अनुसार व्यापारी पैसा भेजते हैं। स्टोर से निकाल कर छंटाई करने के बाद खराब आलू को फेंका जा रहा है। जो अच्छा बचा है उसे बहुत ही सस्ते दर पर बेचा जा रहा है।
कोल्ड स्टोर संचालक चंद्रशेखर रस्तोगी ने बताया कि रेट कम होने की वजह से स्टोर का किराया भी नहीं निकल पा रहा है। संदीप यादव ने बताया कि एक बीघा आलू लगाने में 40 से 50 हजार रुपये खर्च आता है। उसके बाद लगभग 150 बोरी का उत्पादन होता है। वर्तमान रेट में तो आधी लागत भी किसान की नहीं निकल रही है।
पूरे मंशा शुक्ल दुबहन के किसान दिनेश कुमार ने बताया कि 207 बोरी आलू रखा था, जिसमें से 100 बोरी पहले बेच लिया था। अब 107 बोरी आलू कम दाम की वजह से स्टोर से नहीं निकाला। दुबहन के राजेंद्र सरोज ने बताया है कि 170 बोरी आलू कोई किसी भाव में नहीं ले रहा है। इससे स्टोर में खराब हो रहा है। सुरेश पटेल औना गांव के किसान ने बताया की 105 बोरी आलू खराब हो रहा है।