ऊंचाहार, (रायबरेली): जमीन से संबंधित झूठे दस्तावेज के आधार पर पूर्व ब्लाक प्रमुख पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए की मुआवजा राशि हड़पने का आरोप लगा है। जिलाधिकारी ने एक सप्ताह में भूमि अध्याप्ति विभाग से जबाब मांगा है।
जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में बताया गया है कि खोजनपुर गांव की भूमि संख्या 61/2 में सह-खातेदार मोहम्मद एकलाख खान कई वर्षों से मुंबई में रहते हैं। इस बीच उनकी भूमि से संबंधित दस्तावेजों में गलत अंकन करा लिया गया। लखनऊ प्रयागराज राजमार्ग के चौड़ीकरण में अधिग्रहीत हुई भूमि में इसी त्रुटिपूर्ण दस्तावेज के आधार पर पूर्व ब्लाक प्रमख कमलेश सिंह और उनके भाई राजेश सिंह ने मुआवजा की दावेदारी करके मुवाब्जे की धनराशि हड़प ली। इसकी जानकारी जब भूमि स्वामी को हुई तो उन्होंने मुआवजा रोकने का अनुरोध भी किया, किंतु इसके बावजूद उनके हिस्से की भूमि का मुआवजा एक करोड़ 34 लाख 89 हजार 670 रुपए का भुगतान कर दिया गया।
मुआवजा राशि के भुगतान के बाद भूमि स्वामी ने जब शिकायती पत्र दिया तो कार्रवाई में भूमि में की गई त्रुटि को चकबंदी अधिकारी ने सुनवाई के बाद दुरुस्त करके उसमें मोहम्मद एकलाख का नाम अंकित कर दिया। इस अंकन के बाद जिला भूमि अध्याप्ति अधिकारी ने दोनों पक्षों को अपने अपने अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा है।
जिलाधिकारी ने मामले को सात दिन के अंदर निस्तारित करने के आदेश दिए हैं। मामले में मोहम्मद एकलाख की ओर से पैरवी कर रहे प्रकाश अवस्थी ने बताया कि प्रकरण निस्तारण के करीब है, जिलाधिकारी पूरे प्रकरण को स्वयं देख रही है। पूर्व प्रमुख कमलेश सिंह का कहना है कि इकलाख का आदेश खारिज हो चुका है, उन्हें अपनी जमीन का मुआवजा मिला है। जिसके उनके पास दस्तावेज मौजूद हैं, लगाए गए आरोप झूठे हैं।