बाराबंकी। रविवार को बाराबंकी में एक ऐसा दृश्य समाज के सामने आया, जिसे देख कर कोई हैरान रह गया। हालांकि यह दृश्य मानवता पर तमाचा जैसा है। एक शिक्षिका की हत्या कर शव नहर में फेंक दिया गया। पुलिस ने जांच शुरू की। रविवार को शव गांव पहुंचा, लेकिन अंतिम संस्कार में बेटा पहुंचा और न पति। पुलिस ने कंधा देकर अंतिम संस्कार कराया।
मसौली थाना क्षेत्र में हत्या कर नहर में फेंकी गई शिक्षिका का शव पोस्टमार्टम के बाद शनिवार शाम उसके गांव पहुंचा। अंतिम संस्कार घर से डेढ़ किमी दूर खेत में किया गया। गांव के लोगों का कहना है कि 18 साल से अपने पति से अलग रह रही मृतका के परिजन उम्मीद कर रहे थे कि शायद पति या बेटा अंतिम संस्कार में शामिल होंगे, लेकिन कोई भी नहीं आया।
शव लेकर चले चार भाई ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरते हुए बेसुध हो गए, क्योंकि दुख की घड़ी में उनका बेटा और पति मौजूद नहीं था। इस दौरान मसौली के एसएचओ अमित प्रताप सिंह और पुलिसकर्मी शव को कंधा देते हुए परंपरा के अनुसार राम नाम सत्य है बोलते हुए अंतिम संस्कार स्थल तक ले गए। पुलिस की इस संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण कदम की ग्रामीणों ने सराहना की।
इस घटना ने न सिर्फ अपराध की गंभीरता उजागर किया, बल्कि ग्रामीण और अधिकारियों के बीच मानवीय रिश्ते की ताकत भी दिखा दी। हर कोई परिवार के लोगों को कोस रहा है और दूसरी ओर पुलिस के कदम की सराहना की जा रही है।